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होमगार्ड ने पेश की मिसाल, 12 करोड़ की ड्रग्स को छोड़ने के लिए रिश्वत की बड़ी रकम लेने से किया इनकार

होमगार्ड ने पेश की मिसाल, 12 करोड़ की ड्रग्स को छोड़ने के लिए रिश्वत की बड़ी रकम लेने से किया इनकार


असम । एक होमगार्ड की जमकर चर्चा हो रही है। इस होमगार्ड ने पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी करते हुए लगभग 12 करोड़ रुपए की कीमत की उच्च गुणवत्ता वाले 3 किलोग्राम ड्रग्स (क्रिस्टल मेथामफेटामाइन) को बरामद करने में मदद कर सुर्खियां बटोरी है। असम पुलिस के डीजीपी भास्करज्योति महंत ने होमगार्ड बोर्सिंग बे के निस्वार्थ और ईमानदारी भरे कर्तव्यों से प्रभावित होकर एक लाख लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। होम गार्ड की तैनाती असम के कार्बी आंगलोंग जिले के डिल्लई पुलिस स्टेशन में है।
10 मई से, जब हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली नई भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने कार्यभार संभाला, असम में अवैध दवाओं के खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कई गिरफ्तारियां हुई हैं और कई करोड़ रुपए की अवैध दवाओं की बरामदगी हुई है।

पुलिस के मुताबिक, कार्बी आंगलोंग में पुलिस ने सोमवार शाम मणिपुर से आ रही एक बस को रोका और 12 करोड़ रुपए की कीमत के 3 किलो क्रिस्टल मेथामफेटामाइन टेबल बरामद किए। बरामदगी के सिलसिले में तमिलनाडु की दो महिलाओं और मणिपुर के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
महंत ने सोमवार रात को ट्वीट करते हुए कहा कि इस ड्रग्स को पकड़ने का श्रेय होमगार्ड बोर्सिंग बे को जाता है। उन्हें इसको छोड़ने के बदले में आरोपियों की ओर से एक बड़ी रिश्वत राशि की पेशकश की गई थी। जिसे बे ने लेने से मना कर दिया। महंत ने आगे कहा कि इस निस्वार्थ और ईमानदार कार्य के लिए 1 लाख रुपए की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। होमगार्ड को सलाम करते हैं ।
घटना का ब्योरा देते हुए उन्होंने ने कहा कि जैसे ही प्रतिबंधित पदार्थ का पता चला, बस चालक ने उसे बड़ी राशि नकद देने की पेशकश की ताकि बिना कोई कार्रवाई किए वाहन को गुजरने दिया जा सके। बे ने पत्रकारों से कहा कि बस ड्राइवर में 500 रुपए के नोटों का एक बड़ा बंडल निकाला और मेरी पैंट की जेब में डाल दिया। मैंने रुपयों का बंडल निकाला और ड्राइवर से कहा कि मुझे पैसे में कोई दिलचस्पी नहीं है। बाद में पता चला कि तमिलनाडु की दो महिलाएं ड्राइवर की मदद से मादक पदार्थ ले जा रही थीं। 

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में पिछले 10 वर्षों में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के मामलों में बड़ी उछाल आई है। 2010 में 180 मामलों से, पुलिस ने पिछले साल 1023 मामले दर्ज किए।