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रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तर में लटका मिला ताला, आयोग के अध्यक्ष ने जमीन पर बैठकर की मामले की सुनवाई।
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा आयोग में अध्यक्ष पद को लेकर मची रार अब भी जारी है। आलम ये है कि अध्यक्ष को आयोग के दफ्तर में प्रवेश तक करने नहीं दिया जा रहा है। हाई कोर्ट से पद पर बहाली का तो आदेश मिल गया। लेकिन दफ्तर का ताला नहीं खुला। इस बात से नाराज छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू ने बीते सोमवार को जमीन पर ही बैठकर कामकाज निपटाना शुरू कर दिया। इसको लेकर सियासी घमासान भी मचा हुआ है।
दरअसल ये पूरा विवाद अध्यक्ष पद को लेकर ही साल 2018 में रमन सरकार के समय सियाराम साहू की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की गयी थी, लेकिन सरकार बदलते ही थानेश्वर साहू को अध्यक्ष बना दिया गया। सरकार द्वारा की गयी इस नियुक्ति के खिलाफ सियाराम साहू ने हाई कोर्ट में केस लड़ा और सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का आदेश निरस्त करते हुए सियाराम साहू को दोबारा बहाल किया। हाई कोर्ट के आदेश के राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का कामकाज दोबारा संभालने वाले सियाराम पिछले 15 दिनों से अपने दफ्तर का ताला खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन जब ताला नहीं खोला गया तब उन्होने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए आयोग के दफ्तर के बाहर ही जमीन पर बैठकर कामकाज निपटाना शुरू कर दिया।
सियाराम साहू ने मीडिया को बताया कि वे पिछले 15 दिनों से आयोग के कार्यालय आ रहे हैं। लेकिन उनके दफ्तर में ताला जड़ा हुआ है और काम करने में असुविधा हो रही है। इसकी सूचना भी राज्य सरकार तक भेजी जा चुकी है। सियाराम साहू ने कहा कि मैं जमीन से जुड़ा व्यक्ति हूं इसलिए जमीन पर बैठकर काम कर रहा हूं। सियाराम साहू जब आयोग के दफ्तर में जमीन पर बैठे हुए थे। उस दौरान ही काम के लिए कई फरियादी भी उनके पास पहुंचे थे। जिनमें पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलना और प्रताड़ना संबंधी अन्य मुद्दे शामिल थे।