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भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

नई दिल्ली । भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को दो दिन की कमांडर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की है. इसमें चीन और पाकिस्तान से लगे देश की सीमा पर स्थिति के साथ संगठन और ऑपरेशन मुद्दों पर चर्चा की गई. सेना की इस द्विवार्षिक कमांडर कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे ने की. ये महत्वपूर्ण बैठक पिछले गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की बरसी के एक दिन बाद शुरू हुई.

पीटीआई ( भाषा ) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, “कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे की अध्यक्षता में हुई बैठक में नॉर्दर्न और वेस्टर्न बॉर्डर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई.”

अधिकारी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सभी टकराव बिंदुओं पर भारत और चीनी सैनिकों के डिसइंगेजमेंट के लिए जारी समझौते और नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते को देखते हुए यह समीक्षा काफी महत्वपूर्ण है.

भारतीय सेना का यह कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और चीन ने LAC के पास टकराव बिंदुओं पर अपने जवानों को पीछे हटाने के लिए सीमित रूप से सफलता पाई है. भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) 6 जून 2020 से बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए 11 राउंड की सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत कर चुकी है.

दोनों देशों ने कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत के बाद हालांकि फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर के क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को पूरी तरह हटा लिया था. दोनों सेना अब टकराव वाले बाकी इलाकों- हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग से सैन्य वापसी को लेकर चर्चा कर रहे हैं. शेष इलाकों से सैन्य वापसी को लेकर अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी है.


पिछले महीने थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी बिन्दुओं से पूर्ण सैन्य वापसी तक तनाव में कोई कमी नहीं आ सकती और भारतीय सेना क्षेत्र में सभी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है. जनरल नरवणे ने यह भी कहा था कि चीन से भारत ‘‘सख्ती’’ से निपट रहा है, ताकि पूर्वी लद्दाख में अपने दावों की गरिमा सुनिश्चित की जा सके.

हालांकि LoC पर फरवरी में हुए समझौते के बाद शांति जरूर देखने को मिली है. भारत और पाकिस्तान ने 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा और सभी अन्य क्षेत्रों में सीजफायर समझौतों और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई थी. सैन्य अधिकारियों ने यह भी कहा था कि आतंकवाद और घुसपैठ से लड़ने के लिए पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों की तैनाती या सैन्य अभियानों में कमी नहीं की जाएगी.