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पृथ्वी की आंतरिक क्रोड़ में हो रही है असमान वृद्धि- शोध ने सुझाया

पृथ्वी की आंतरिक क्रोड़ में हो रही है असमान वृद्धि- शोध ने सुझाया

नॉलेज । हमारी पृथ्वी की आंतरिक संरचना उसके आसपास के अंतरिक्ष तक को प्रभावित करती है. हमारे वैज्ञानिक पृथ्वी के आंतरिक भागों खासतौर पर क्रोड़ का विशेष रूप से अध्ययन करते हैं. जिसकी वजह से पृथ्वी के चारों और मैग्नेटोस्फियर का बनी है. जो अंतरिक्ष से आने वाले हानिकारक विकिरण से हमारी रक्षा करती है. हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि पृथ्वी की ठोस क्रोड़ एक तरफ दूसरी ओर की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है.

भूंकपीय तरंगों की यात्रापृथ्वी के आंतरिक संरचनाओं का अध्ययन आसान काम नहीं हैं. वैज्ञानिक काफी सारी जानकारी भूकंपीय या सीज्मिक तरंगों से मिलती हैं. वैज्ञानिकों ने पायाहै कि जब ये भूकंपीय तरंगें पृथ्वी के अंदर से होती हुई एक ओर से दूसरी ओर तक जाती हैं. तब वे पूर्व से पश्चिम की तुलना में ध्रवों से ध्रुवों से तक तीन गुना तेज गति से जाती हैं.

इसका मतलब है कि पृथ्वी का केंद्र एक विशाल बढ़ता हुआ क्रिस्टलीकृत लोहा हो सकता है. और जब यह क्रिस्टल किसी खास तरह की स्थिति में आता है तो इसकी वजह से भूकंपीय तरंगे कुछ दिशाओं में तेजी से यात्रा कर पाती हैं. इस स्थिति का मॉडल तैयार कर शोधकर्ताओं को हैरान करने वाला नतीजा मिला वह यह था कि पृथ्वी की अंतरिक क्रोड़ में असंतुलित वृद्धि हो रही है.

नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक यह असमान वृद्धि यह भी बताती है कि पृथ्वी की आंतरिक क्रोड़ के कुछ हिस्से गर्म हैं और दूसरे तुलनात्मक रूप से ठंडे हैं इससे लोहे के क्रिस्टल ज्यादा तेजी से बने हैं. गुरुत्व इस असमान वृद्धि को नरम ठोस क्रोड़ में समान रूप से फैला देता है जिससे क्रिस्टल उत्तर और दक्षिणी ध्रुव की ओर चले जाते हैं. मॉडल बताता कि इस प्रकार की असमान वृद्धि तब से हो रही है जबसे आंतरिक क्रोड़ ठंडी होना शुरू हुई है. और तब से इस प्रकार ही बढ़ रही है.