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यूपी: कानपुर के फतेहपुर में पति ने बदला अपना धर्म, चार साल तक इंतजार के बाद पत्नी राजेश्वरी भी अब बन गई रजिया। आइए जानते हैं पूरा मामला।

यूपी: कानपुर के फतेहपुर में पति ने बदला अपना धर्म, चार साल तक इंतजार के बाद पत्नी राजेश्वरी भी अब बन गई रजिया। आइए जानते हैं पूरा मामला।


उत्तर प्रदेश। यूपी में धर्मांतरण के खुलासे के कई परिवारों में धर्म बदलने के किस्से सामने आ रहे हैं। कानपुर के आदित्य का अब्दुलला बनने की कहानी के बाद फतेहपुर में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहांं के श्याम प्रताप सिंह से डॉ.उमर गौतम बनने पर उसके पूरे परिवार से उसके नाता तोड़ लिया था।

रिश्तेदार और पत्नी भी उसके इस काम से आहत थी। पत्नी के संपर्क में रहे उमर उसका ब्रेनवास करता रहा। ससुर ने धर्म वापसी कर घर जमाई बनाने की भी शर्त भी रही, लेकिन डा.उमर ने उसे ठुकरा दिया। चार साल इंतजार के बाद पत्नी भी टूट गई और उमर के साथ दिल्ली लौट कर राजेश्वरी से रजिया गौतम बन गई।

दामाद श्याम के धर्मांतरण करने पर खेसहन निवासी छत्रपाल सिंह की पूरा परिवार टूट गया था। शादी के बाद बेटी राजेश्वरी देवी पिता के घर थी। दामाद के इस काम से आहत ससुर संबंध तोड़ने की बात कह रहे थे लेकिन घर के अन्य सदस्य घर वापसी की राह देख रहे थे। परिजनों ने बताया कि डा.उमर राजेश्वरी के संपर्क में था। मामले की जानकारी पर ससुर ने धर्म वापसी की शर्त पर उमर को ईंट भट्ठा व संपत्ति देने का प्रस्ताव रखा।

लेकिन उमर ने उसे ठुकरा दिया। अंत में राजेश्वरी ने अपनी किस्मत की दुहाई देते हुए पति के साथ रखने की ठान ली और मायके से लौटने के बाद रजिया गौतम बन गई।

 
धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एटीएस ने जिस डा. मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया है वह बहुत शातिर दिमाग था। उसने धर्म परिवर्तन कराने के लिए गैर मुस्लिम लोगों की कई बार सभाएं भी की। कानपुर, फतेहपुर समेत आसपास के कई जिलों में उसकी सभा हुई। जिसमें गैर मुस्लिम लोगों की संख्या ज्यादा थी। उसने लोगों को नौकरी, शादी और पैसों का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए प्रेरित किया था। उमर गौतम ने बीस साल की उम्र में इस्लाम धर्म अपनाया था। उसके बाद वो संगठन बनाकर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता रहता था। अलीगढ़ विवि और जामिया जैसे संस्थानों में वो लेक्चर देने जाया करता था। वहां पर भी उसका एजेंडा इस्लाम का प्रचार और गैर मुस्लिमों को इस्लाम के फायदे बताकर धर्म परिवर्तन के बारे में बताकर उनको उकसाता था। उसका मकसद रहता था कि अधिक से अधिक लोग इस्लाम अपनाएं। सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालयों में सभाएं आयोजित करने के अलावा उमर कई बार कानपुर और फतेहपुर समेत आसपास के जिलों में छोटी-छोटी बैठकें करता था। बाकायदा उसके लेक्चर की तैयारी की जाती थी। इसमें गैर मुस्लिमों को बुलाया जाता था। तभी इसको मूकबधिर स्कूल के बारे में जानकारी हुई थी। तमाम मजबूर नौजवानों को जाल में फांसकर उमर ने उनका धर्म परिवर्तन कराया।