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वाराणसी : पिलर पर बनेगा ई-रिक्शा का कारिडोर का रैंप, अब कारिडोर निर्माण में 110 लाख से अधिक आएगा खर्च

वाराणसी : पिलर पर बनेगा ई-रिक्शा का कारिडोर का रैंप, अब कारिडोर निर्माण में 110 लाख से अधिक आएगा खर्च

वाराणसी । वरुणा किनारे ई-रिक्शा कारिडोर बन रहा है। इसके दूसरे चरण का कार्य हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में ई-रिक्शा कारिडोर से जोडऩे के लिए रैंप बनाया जाना है जिसकी डिजाइन में बदलाव किया गया है। जहां पहले नक्खी घाट पुल से बिना पिलर के रैंप प्रस्तावित था, जिसमें बदलाव कर पिलर वाला रैंप बनाने का निर्णय हुआ है।

ई-रिक्शा कारिडोर के रैंप निर्माण की डिजाइन में परिवर्तन से लागत में पांच लाख की बढ़ोतरी हुई है। अब लागत एक करोड़ 10 लाख रुपये हो गई है। इसकी कचहरी स्थित शास्त्री घाट से शुरुआत हो रही है। पुराना पुल तक बनाया जा रहा है। बाद में इसकी कनेक्टिविटी खिड़किया घाट तक की जाएगी। जाम से राहत देने के लिए प्रस्ताव बना है तो पर्यटन को भी केंद्र में रखा गया है। देखा गया है कि बाहर से आए पर्यटक बनारस में ई-रिक्शा से घूमना पंसद करते हैं। इसलिए ई-रिक्शा कारिडोर को होटल एरिया से भी जोड़ा जा रहा है। पहले चरण का काम पूरा हो गया है। दूसरे चरण के काम की शुरूआत नक्खीघाट से हो गई है। विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन का कहना है कि बरसात से काम प्रभावित हुआ है। फिर भी समय से काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी। दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यू-टर्न में वरुणा सर्किट दिखने लगेगा। इस नए वैकल्पिक मार्ग के बनने से मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा जिससे जनता को आवागमन में सुविधा होगी।


नक्खीघाट पर नगर निगम की ओर से भारी कूड़ा जमा किया गया है। वर्षों से गिर रहे इस कूड़े पर एनजीटी की टीम ने भी कुछ महीने पूर्व आपत्ति दर्ज की थी। नगर निगम को चेताते हुए दंड भी लगाया था। अब वहां कूड़ा तो नहीं गिराया जाता है लेकिन वर्षों से जमा कूड़ा ई-रिक्शा कारिडोर की चाल को सुस्त कर रहा है। हालांकि, ठेकेदार ने वहां जेसीबी के जरिए कूड़े को हटवाकर पाइलिंग की शुरूआत करते हुए पक्की मिट्टी को खोजने का काम शुरू कर दिया है।