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यूपी: बलिया जिले में बासमती की खेती से महकी किसानों की किस्मत, 115 दिनों में पककर तैयार होती है फसल।

यूपी: बलिया जिले में बासमती की खेती से महकी किसानों की किस्मत, 115 दिनों में पककर तैयार होती है फसल।


बलिया। किसान खेती में ज्यादा लागत होने से दूसरे रोजगार की ओर भाग रहे हैं, लेकिन बेरूआरबारी में एक प्रगतिशील किसान ऐसे भी हैं जो कम लागत में बासमती 1509 की खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। आसपास के किसान भी उनकी इस नई विधि से प्रभावित हैं। मिश्रवलिया निवासी किसान विष्णु ओझा हर बार कुछ अलग कर रहे हैं। प्रजाति से अब कई और किसान भी जुड़े हैं। 

वह तैयार बीज को आसपास के गांवों के करीब 30 किसानों को भी बिक्री कर चुके हैं। वे लोग भी बढ़िया खेती कर रहे हैं। इसके अलावा उद्यान विभाग भी उनसे बीज प्रयोग के लिये मंगाता है। दरअसल इस प्रजाति की फसल पक कर 115 दिनों में तैयार हो जाती है। साथ ही बाजार में यह धान थोक भाव में 3500 से 4000 रुपये क्विंटल बिक जाता है।

बता दें कि इस प्रजाति के धान की पैदावार प्रति एकड़ 18 से 20 क्विंटल है। इसके चावल की कीमत बाजारों में 8000 से 12000 रुपये क्विंटल है, इसके चावल में अच्छी सुगंध होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी काफी मांग है। वे इस समय चार एकड़ में इस प्रजाति की धान की बोवाई कर रहे हैं।

किसान विष्णु ओझा ने बताया कि डीजल ज्यादा महंगा होने से सीधी बोआई जीरोटिल मशीन से भी की जा सकती है। हाथ से भी इसकी रोपाई की जाती है। पैदावार बढ़ाने के लिए खरपतवार नाशक दवा या हाथ से निराई के साथ यूरिया 60 किलोग्राम, सुपरफास्फेट 100 किग्रा, पोटाश 30 किग्रा, जिंक सल्फेट पांच किलोग्राम प्रति एकड़ देना होता है।

किसान ने बताया कि इस प्रजाति की खेती से प्रति एकड़ 70 हजार तक मुनाफा हो जाता है। इस फसल के बाद आलू और रबी की खेती के लिए भी खेत पहले खाली हो जाता है, जिससे अगली पैदावार भी प्रभावित नहीं होती है। सरकार को कम पानी वाले धान की खेती के लिये किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए, जिसका सभी किसान लाभ उठा सकें।