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यूपी : योगी सरकार ने 12 घंटे में 25.51 करोड़ पौधे लगाने का बनाया रिकॉर्ड
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वृहद वृक्षारोपण अभियान के पहले दिन ही 25,51,04,004 पौधे लगाए। इसके साथ ही सरकार ही वर्ष 2019-20 में 22.59 करोड़ पौधरोपण करने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस वर्ष के अंत तक सरकार का लक्ष्य 30 करोड़ तक पौधे लगाने का है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में अब तक 100 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रदेश के पौध रोपण अभियान का 100 करोड़वां हरीशंकरी का पौधा रोपित किया।
रविवार को सुलतानपुर में वृक्षारोपण जनांदोलन-2021 के अंतर्गत ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे वृहद वृक्षारोपण के बाद संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्ष प्रकृति के अनमोल रत्न हैं। इनकी रक्षा हम सबका दायित्व है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तो हम स्वस्थ रहेंगे। पर्यावरण को नुकसान से अनेक बीमारियां, मानव जीवन व जीव सृष्टि को त्रस्त करेंगी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हम सभी को ‘वन है तो जीवन है, जल है तो कल है’ के संकल्प के साथ पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रयास करने होंगे। उन्होंने पीपल, पाकड़, बरगद, आंवला, गूलर और जामुन के पौधों का रोपण किया। जनप्रतिनिधियों को वृक्षारोपण जनांदोलन-2021 के तहत पौधे वितरित किए। तत्पश्चात एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने बरगद के पेड़ का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन कर परिक्रमा की। वृक्षारोपण कार्यक्रम का निरीक्षण कर जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी यूपी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे राज्य के युवाओं को रोजगार देने, प्रदेश को समृद्ध और राज्य को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे पांच स्थानों पर औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इन क्लस्टर्स में फार्मा, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण आदि से संबंधित औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरियां व रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे वे स्वावलंबन के पथ पर बढ़ सकेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के रूप में विकसित करने में सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे औद्योगिक गलियारा बनने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान करेगा। यूपीडा द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित एक प्राचीन वट वृक्ष का संरक्षण किया गया है। 100 वर्ष से अधिक पुराने इस वृक्ष को हेरिटेज वृक्ष की मान्यता दी गई है। इस वृक्ष के पूजन-अर्चन से यहां आध्यात्मिक वातावरण बना है। हर पंचायत एवं हर मोहल्ले में ऐसे लोगों की याद में स्मृति वाटिका का विकास कराया जाए। स्मृति वाटिका के पौधे लोगों को सदैव पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री के प्रयासों से यूपी में हरियाली क्षेत्र का दायरा चार सालों में 127 वर्ग किलो मीटर बढ़ा है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट 2019 के मुताबिक यूपी का वृक्षावरण राष्ट्रीय औसत 2.89 फीसदी की तुलना में 3.05 फीसदी हो गया है। पर्यावरण विशेषज्ञ संजय कुमार के मुताबिक यूपी में कुल वनावरण 14,806 वर्ग किमी. (6.15 प्रतिशत) हो गया है। चार सालों में वन क्षेत्रों में 25 प्रतिशत हरियाली बढ़ी है। तराई वाले क्षेत्रों के अलावा लखनऊ, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र समेत अन्य क्षेत्र में हरियाली बढ़ी है। जंगलों के वीरान होने से गायब हो रहे पशु-पक्षी हरियाली लौटने पर दोबारा लौटने लगे हैं। इसमें भालू, मोर, लकड़हारा समेत अन्य पशु पक्षी शामिल हैं। पौधारोपण से भू-संरक्षण भी हुआ है। अच्छी बारिश से जलस्तर भी बढ़ा है।