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यूपी : जेलों में क्षमता से 1.8 गुना ज्यादा कैदी, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हुआ मुश्किल
लखनऊ । उत्तप्रदेश की जेल ओवरलोडेड हो रही हैं। ऐसे में कोरोना काल में सामाजिक दूरी का पालन कैसे हो सकेगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। एक आरटीआई के जवाब में यह बात सामने आई है कि प्रदेश की जेलों में निर्धारित क्षमता से 1.8 गुना ज्यादा कैदी बंद हैं। अलीगढ़ जेल की बात करें तो 1178 की क्षमता वाली जेल में 3800 से ज्यादा बंदी हैं। मुरादाबाद जेल की स्थिति प्रदेश में काफी खराब है। जहां 4.85 गुना बंदी बंद हैं। अब अगर सरकार धारा-436ए के तहत विचाराधीन कैदियों को छोड़े तो जेल पर बढ़ रहा दवाब कम हो सकता है।
प्रदेश के कारागार प्रशासन व सुधार सेवाएं विभाग की तरफ से आरटीआई एक्टिविस्ट सजंय को एक आरटीआई के एवज में जानकारी दी है। जिसके अनुसार 30 जून तक प्रदेश की जेलों में 1.8 गुना ओवरक्राउडिंग है। जिसमें प्रदेश की सिर्फ चार ही जेलों की स्थित क्षमता के अनुसार ठीक है। जहां आधे से भी कम कैदी हैं। प्रदेश के 63 जिला कारगारों में सबसे खराब स्थिति मुरादाबाद की है।
आरटीआई के मुताबिक यूपी की जेलों में 54397 पुरूष कैदियों के रहने की व्यवस्था है। जबकि अभी 23841 सिद्धदोष और 77509 विचाराधीन पुरूष कैदी जेलों में बंद हैं। वहीं यूपी की जेलों में 3219 महिला कैदियों की व्यवस्था है। जबकि वर्तमान में 1001 सिद्धदोष और 3596 विचाराधीन महिला कैदी जेल में बंद हैं। इसी तरह 3189 अल्प व्यस्क कैदियों की व्यवस्था है। वर्तमान में 12 सिद्धदोष और 3618 विचाराधीन अल्पव्यस्क कैदी बंद हैं। इस तरह से 60805 की क्षमता के सापेक्ष 109619 कैद बंद हैं।
अलीगढ़ जिला जेल में हाथरस के करीब 1200 बंदी हैं। वर्तमान में हाथरस जेल के लिए जमीन ली जा चुकी है। जल्द से जल्द वहां निर्माण शुरू हो जाएगा। ओवरक्राउडिंग के बावजूद भी कोरोना को देखते हुए एहतियात बरती जा रही हैं।