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यूपी: सोनभद्र में जून महीने में पहली बार बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट के पार, बढ़ी बिजली की मुसीबत।
सोनभद्र। बारिश में भारी कमी के कारण मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर जिलों में पड़े उमस ने बिजली की मांग में रिकार्डतोड़ इजाफा किया है। खासकर पीक आवर के दौरान भारी उमस के कारण जून माह में पहली बार बिजली की प्रतिबंधित मांग रिकार्ड 23 हजार पार कर गयी। बिजली की भारी मांग को पूरा करने में यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को काफी मशक्क्त करना पड़ा। मांग पूरा करने के लिए 12068 मेगावाट बिजली का आयात केंद्रीय पूल से करना पड़ा। इसके अलावा एनर्जी एक्सचेंज से भी 1980 मेगावाट बिजली जुटायी गयी।
इस बीच अनपरा लैंको की 600 मेगावाट वाली इकाई मंगलवार देर रात तथा बारा की 660 मेगावाट की इकाई बुधवार प्रातः तकनीकि दिक्क्तों के कारण बंद हो गयी। हालांकि लैंको की इकाई को बुधवार तड़के चालू कर उत्पादनरत कर दिया गया है। इससे पहले अनपरा अ तापघर की 210 मेगावाट वाली तीसरी तथा अनपरा ब तापघर की 500 मेगावाट की चौथी इकाई भी फिलहाल बंद चल रही है। इकाइयों के बंद होने से प्रदेश को लगभग 1300 मेगावाट कम बिजली मिल रही है।
मंगलवार अपराह्न बाद से ही उमस के कारण बिजली की मांग तेजी से बढ़ने लगी थी। रात 12 बजे प्रतिबंधित मांग जून माह में पहली बार रिकार्ड 23424 मेगावाट तक पहुंच गयी। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा प्रदेश बना जहां जून माह में बिजली की मांग ने 23 हजार मेगावाट का आकड़ा पार किया। इसी समय अधिकतम मांग 23787 मेगावाट दर्ज की गयी। चालू जून माह में चौथी बार बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग का रिकार्ड बना है।
मानसून की कमजोरी के कारण पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान प्रदेश के ज्यादातर जनपदों में सामान्य से काफी कम बारिश हुयी है। जिसके कारण तापमान में वृद्धि के साथ उमस ने आम नागरिकों की दिक्क़तें बढ़ाई है। चालू मानसून सत्र में 28 जून तक हुयी बारिश का ज्यादा हिस्सा शुरूआती चार दिनों में ही बरस गया था। बीते 16 जून से शुरू हुयी बारिश 20 जून तक कमजोर पड़ने लगी। 28 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य 108.2 मिलीमीटर के सापेक्ष 89 फीसद ज्यादा 204.9 मिलीमीटर बारिश हुयी।
इसमें से 172 मिलीमीटर बारिश 22 जून तक हो गयी थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालत काफी बुरी रही। 28 जून तक पश्चिमी यूपी में सामान्य 76 मिलीमीटर के सापेक्ष तीन फीसद कम 73.4 मिलीमीटर बारिश हुयी। इसमें से भी 68.6 मिलीमीटर बारिश 22 जून तक हो गयी थी। बारिश में लगातार कमी के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है।