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नई दिल्ली: भारत के नाम दर्ज हुआ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 2.5 किलोमीटर की चार लेन कंक्रीट की सड़क का निर्माण सिर्फ 24 घंटे में किया पूरा।

नई दिल्ली: भारत के नाम दर्ज हुआ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 2.5 किलोमीटर की चार लेन कंक्रीट की सड़क का निर्माण सिर्फ 24 घंटे में किया पूरा।


नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत ने 2.5 किलोमीटर की चार लेन की कंक्रीट की सड़क का निर्माण सिर्फ 24 घंटे में पूरा कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इसके अलावा 26 किलोमीटर की एक लेन की बिटुमन की सड़क का निर्माण सिर्फ 21 घंटे में पूरा किया गया है।

नितिन गडकरी ने कई ट्वीट कर कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए अंकुशों के दौरान देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण काफी तेजी से बढ़ा है। गडकरी ने मंगलवार शाम को कहा कि 2020-21 में राजमार्गों का निर्माण 36.5 किलोमीटर प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच गया। यह राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की सबसे तेज रफ्तार है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्माण की इस रफ्तार को कायम रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें ठेकेदारों को समर्थन, ठेका प्रावधानों में ढील, उप-ठेकेदारों को सीधे भुगतान तथा ऑन-साइट मजदूरों के लिए खाने-पीने के अलावा चिकित्सा की सुविधा शामिल है। गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए निर्माण उच्च भारतीय सड़क कांग्रेस आईआरसी के मानदंडों के अनुरूप किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पॉलिसी गाइडलाइंस के अपडेट को क्वालिटी कंट्रोल एरिया बनाया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो भारत में सबसे लंबा बनने वाला है, निर्धारित समय के भीतर पूरा हो जाएगा। प्रोजेक्ट से संबंधित सभी कार्यों में तेजी लाई जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई देरी न हो. राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए, नितिन गडकरी ने कहा कि कोविड -19 महामारी का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यक्रम पर इसका प्रभाव पड़ा, जो कि केंद्र के अपने लक्ष्य के अनुसार, जनवरी, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

नितिन गडकरी ने कहा कि कुल 1,350 किलोमीटर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में से 350 किलोमीटर का निर्माण पहले ही हो चुका है और 825 किलोमीटर का निर्माण भी प्रगति पर है। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि एक्सप्रेसवे के शेष 163 किलोमीटर के लिए बोलियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और चालू वित्तीय वर्ष के भीतर दिए जाने की संभावना है।