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उत्तर प्रदेश: राज्य में धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद 50 केस हुए दर्ज, 67 आरोपी पहुंचे सलाखों के पीछे।

उत्तर प्रदेश: राज्य में धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद 50 केस हुए दर्ज, 67 आरोपी पहुंचे सलाखों के पीछे।


उत्तर प्रदेश। धर्मांतरण कानून लागू होने के 7 महीने के भीतर इस तरह के 50 केस लगभग 128 लोगों पर दर्ज हुए हैं। राज्य में मेरठ और बरेली ऐसे जिले हैं। जहां से गैरकानूनी तरीके से धर्मांतरण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। मेरठ में 12 मामले और बरेली में 10 केस दर्ज हुए हैं।

बता दें कि योगी सरकार ने 2020 नवंबर में उत्‍तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म पविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश लेकर आई थी। जो इस साल फरवरी में अध्यादेश विधानमंडर से पारित होकर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद एक स्थायी कानून बन गया।

यूपी के लॉ एंड ऑर्डर एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि प्रदेश में जबरन धर्मांतरण कराए जाने की शिकायत मिलने पर पुलिस फौरन कार्रवाई कर रही है। अब तक इस कानून के तहत 130 लोग नामजद हुए हैं। इनमें से 78 की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि 25 फरार चल रहे हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि मेरठ में धर्मांतरण के सबसे ज्यादा 12 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद बरेली में 10, गोरखपुर में 7, नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में 5, लखनऊ और वाराणसी कमिश्नरेट में 4–4,आगरा जोन में 3, प्रयागराज जोन में 2, कानपुर कमिश्नरेट में 1 मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 22 मामलों में पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिए हैं।

पुलिस 25 मामलों में विवेचना कर रही है। तीन मामलों में आरोप गलत पाए जाने पर अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। फिलहाल 67 आरोपी जेल में बंद हैं। और 16 जमानत पर बाहर हैं। वहीं यूपी एटीएस उत्तर प्रदेश समेत 8 राज्यों में फैले धर्मांतरण रैकेट की जांच कर रही है। इस रैकेट का भंडाफोड़ हाल ही में एटीएस ने किया था। मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर कासमी नाम के दो मौलानाओं की गिरफ्तारी हुई है, जो इस धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं।