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50 सीसी की गाड़ी आती नहीं तो नाबालिगों को कैसे जारी हो रहे डीएल? पढ़िए रिपोर्ट
यूपी । परिवहन विभाग की यह चूक सड़क सुरक्षा के लिहाज नाबालिगों के लिए खतरनाक है। क्योंकि 50 सीसी तक यानी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में चलने का लाइसेंस पर तेज रफ्तार वाहन चलाकर सड़क हादसे को दावत दे रहे है। जबकि इस मॉडल की गाड़ी का निर्माण साल 2010 से बंद है। यानी बीते ग्यारह साल से बिना गाड़ी के 50 सीसी तक गाड़ी चलाने के डीएल जारी कर रहे है। यही वजह है कि 50 सीसी गाड़ी चलाने के डीएल के नाम पर नाबालिक 120 सीसी के गाड़ी चलाने को मजबूर है।
वर्तमान में 16 से 18 साल के बीच जारी हो रहे डीएल अवैध है। चेकिंग में इनके पकड़े जाने पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के आरोप में पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा। नाबालिकों को यह जुर्माना विभागीय लापरवाही के बदले देने के लिए मजूबर होना पड़ेगा।
बिना गियर वाली गाड़ी के नाम पर नाबालिगों को जारी होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस में बड़ी चूक सामने आई हैं। 50 सीसी तक की गाड़ी चलाने के नाम पर जारी हो रहे डीएल पूरी तरह से अवैध है। 50 सीसी मॉडल की गाड़ी आती नहीं है फिर भी 16 से 18 साल के बीच नाबालिगों को डीएल जारी किए जा रहे हैं। यही नहीं बच्चों को कम रफ्तार में गाड़ी चलाने का डीएल देकर तेज रफ्तार में वाहनों को चलाने की अनुमति दी जा रही है।
-50 सीसी मॉडल की गाड़ी चलाने के नाम पर बने डीएल पर चला रहे हैं 120 सीसी के वाहन
-साल 2010 से 50 सीसी के वाहनों का निर्माण है बंद, फिरभी ग्यारह साल से जारी हो रहे डीएल
-न नियम बदले न साफ्टवेयर में हुआ बदलाव, नाबालिग लगातार करते रहे ऑनलाइन आवेदन
उप परिवहन आयुक्त देवेंद कुमार सिंह ने बताया कि नियमावली में बदलाव की जरूरत है। क्योंकि केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में 50 सीसी तक 18 साल के युवाओं के लिए डीएल जारी करने की व्यवस्था है, उसी आधार पर डीएल जारी किए जा रहे है। जबकि 50 सीसी वाहनों का निर्माण बंद हो चुका है।
एआरटीओ प्रभात पांडेय ने बताया कि इस तरह के डीएल जारी होने का कोई औचित्य नहीं है। पकड़े जाने पर कार्रवाही हो सकती है। केंद्रीय नियमावली में बदलाव नहीं होने से देश भर में इस तरह के नाबालिगों के लाइसेंस जारी हो रहे है। जिसे बदलने के लिए केंद्रीय परिवहन राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।