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मध्य प्रदेश: कोविड मरीज के लिए 'कड़कनाथ' बेहतर दवा, कोरोना से निपटने में है कारगर।
मध्य प्रदेश। झाबुआ जिले का कड़कनाथ मुर्गा पोस्ट कोविड व कोरोना पीड़ितों के लिए सबसे बेहतर दवा साबित हुआ है। झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के जिला समन्वयक इंदर सिंह तोमर ने शुक्रवार को इस मामले में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र को ट्वीट करते हुए काले रंग के कड़कनाथ को कोविड की खुराक में शामिल करने की सिफारिश की है। हालांकि तोमर को अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
तोमर ने बताया कि कोयंबटूर की सरकारी प्रयोगशाला में कड़कनाथ को लेकर अध्ययन किया गया है। इसमें सामने यह आया है कि कड़कनाथ का मांस, अंडा व सूप पोस्ट कोविड इलाज में सबसे फायदेमंद है। इसके उपयोग से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो कोरोना से निपटने में कारगर है।
बता दें कि कड़कनाथ का सेवन करने वालों को कोरोना से लड़ने में भी आसानी हुई है। अब पोस्ट कोविड मरीजों को भी स्वस्थ होने में यह कारगर साबित हो रहा है। इसमें जिंक, आयरन, विटामिन, अमोनिया एसिड जैसे आवश्यक तत्व हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।
गौरतलब है कि कड़कनाथ को लेकर जीआई टैग भी झाबुआ जिले को मिला हुआ है। देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी यह शौकीनों को लुभाता रहा है। यहां एक कड़कनाथ की कीमत 800 से 1200 के बीच रहती है। लेकिन बाहर ले जाने पर इसके दाम बढ़ जाते हैं। कई शौकीन चूजे ले जाकर उन्हें तैयार करते हैं। करीब छह महीने पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दो हजार चूजों का ऑर्डर जिले के एक कड़कनाथ पालक को दिया था, लेकिन रांची झारखंड भेजने से पहले ही चूजों की पिछले साल बर्ड फ्लू से मौत हो गई थी।