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इस रहस्यमय घाटी में जाने वाला कभी नहीं आता है लौटकर वापस, कहलाती है दूसरा ‘बरमूडा ट्राएंगल’

इस रहस्यमय घाटी में जाने वाला कभी नहीं आता है लौटकर वापस, कहलाती है दूसरा ‘बरमूडा ट्राएंगल’


नॉलेज । यह दुनिया अजब-गजब रहस्यों से भरी हुई है.धरती पर ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता.ऐसी ही एक रहस्यमय घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में कहीं स्थित है जिसे आज तक कोई भी नहीं ढूंढ पाया है. इस जगह को ‘शांगरी-ला घाटी’ के नाम से जाना जाता है.

शांगरी-ला घाटी (Shangri-La valley) के बारे में कहा जाता है कि यहां समय थम जाता है और लोग जब तक चाहें तब तक जिंदा रह सकते हैं. दुनियाभर के कई लोग ‘शांगरी-ला घाटी’ का पता लगाने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं, लेकिन आजतक किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली है. जाने माने तंत्र साहित्य लेखक अरुण कुमार शर्मा ने भी अपनी किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में इस जगह का जिक्र किया है. उनके मुताबिक दुनिया में कुछ ऐसी जगहें हैं जहां जाकर वस्तु या व्यक्ति का अस्तित्व दुनिया से गायब हो जाता है. शांगरी ला घाटी को बरमूडा ट्राएंगल की तरह बताया जाता है.


तिब्बती भाषा की किताब ‘काल विज्ञान’ में भी इस घाटी का जिक्र मिलता है. जेम्स हिल्टन नाम के लेखक ने अपनी किताब ‘लॉस्ट हॉरीजोन’ में भी इस रहस्यमय जगह के बारे में लिखा है.हालांकि, उनके मुताबिक यह एक काल्पनिक जगह है.तिब्बती विद्वान युत्सुंग के अनुसार इस घाटी का संबंध अंतरिक्ष के किसी लोक से है. आध्यात्म क्षेत्र, तंत्र साधना या तंत्र ज्ञान से जुड़े लोगों के लिए यह घाटी भारत के साथ-साथ विश्व में मशहूर है. खैर, इतने सारे दावों और जिक्रों के बाद भी कोई शांगरी-ला घाटी के रहस्य को नहीं सुलझा पाया.