Headlines
Loading...
पंजाब: लुधियाना में सबसे पहले तारकोल से अंग्रेजों ने बनाई थी यह सड़क।

पंजाब: लुधियाना में सबसे पहले तारकोल से अंग्रेजों ने बनाई थी यह सड़क।


पंजाब। लुधियाना शहर में आज सड़कों का जाल बिछ चुका है। चारों तरफ सिक्स लेन से लेकर ऐट लेन सड़कें बन चुकी हैं। बड़े-बड़े फ्लाईओवर, पुल बन चुके हैं। ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि शहर में सबसे पुरानी सड़क कौन सी है और किस सड़क पर सबसे पहले तारकोल की लेयर बिछाई गई थी। शेरशाह सूरी ने जब कोलकाता से लाहौर तक सड़क का निर्माण किया था तो वह सड़क लुधियाना से होकर निकली।

1852 में अंग्रेजों ने इस सड़क को ग्रांट ट्रंक रोड का नाम दिया जोकि रेलवे स्टेशन के सामने से होकर गुजरती है। तब से इस रोड को जीटी रोड के नाम से जाना जाता है। 1901 में अग्रेजाें ने लुधियाना की सड़कों पर तारकोल बिछाना शुरू किया और सबसे पहले जीटी रोड के हिस्से पर ही तारकोल बिछाई गई। इसके बाद शहर में जेल रोड, सिविल लाइन रोड, शाहपुर रोड, ब्राउन रोड, चौड़ा बाजार समेत अन्य सड़कें बनाई गई। आजादी मिलने तक अंग्रेजों ने शहर में बड़ी गिनती में सड़कें बना दी थीं।

बता दें कि अंग्रेजों ने जगराओं पुल का निर्माण भी कर दिया था। उससे पहले जीटी रोड से सिविल लाइन की तरफ जाने के लिए जगराओं पुल के पास फाटक हुआ करता था। अंग्रेज अफसरों ने जब फील्ड गंज मोहल्ले की स्थापना की तो उन्होंने जगराओं पुल का निर्माण करवाया। उसके बाद विश्व कर्मा चौक से रेलवे स्टेशन की तरफ भी पुल का निर्माण करवाया गया। 

जैसे-जैसे शहर बढ़ता गया तो जीटी रोड को शहर के बाहर ले जाया गया। शेरपुर से समराला चौक होते हुए जालंधर बाईपास तक नई सड़क बनाई गई। आज भी शेरपुर से जगराओं पुल रेलवे स्टेशन के आगे से निकलने वाली सड़क को ओल्ड जीटी रोड कहा जाता है। इसके किनारे ही अंग्रेजों ने रेलवे स्टेशन बनाया था।