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यूपी: कोरोना की दूसरी लहर के बाद वाराणसी सहित अन्य प्रदेश के एम्बुलेंस कर्मियों को दिखाया बाहर का रास्ता।
वाराणसी। अपर श्रम आयुक्त कार्यालय लखनऊ में गत दिनों एंबुलेंस सघ के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जीवीके ईएमआरआई एंबुलेंस संचालनकर्ता कंपनी के पदाधिकारीयो के बीच बैठक हुई। इसमें दूसरी लहर के बाद बनारस सहित प्रदेश भर के एम्बुलेंस कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने का कड़ा विरोध किया गया।
जीवनदायिनी संगठन प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय व प्रदेश महामंत्री बृजेश कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुशील पांडेय, राष्ट्रीय पदाधिकारी दिनेश कुमार कौशिक ने श्रम विभाग के समक्ष एंबुलेंस कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए कहा कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जिसका संचालन जीवीके ईएमआरआई के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन अब नेशनल हेल्थ मिशन के द्वारा टेंडर जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड कंपनी को दिया गया है।
इस कारण लगभग 1200 कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। पुरानी कंपनी की तरफ से आए एचआर हेड की ओर से श्रम विभाग को भ्रमित किया गया कि कंपनी ने अभी तक किसी भी कर्मचारी का टर्मिनेशन नहीं किया है।
मगर जीवनदायनी संघ ने स्पष्ट किया कि नई कंपनी जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड के द्वारा एएलएस गाड़ियों पर पायलट और इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकालकर कंपनी लगातार नए कर्मचारियों की नियुक्तियां कर रही। संघ के पदाधिकारी नई कंपनी से अपने पुराने कर्मचारियों को समायोजित करने बारे मिले तो कंपनी ने 25000 रुपये डीडी और वेतन 10700 देने की बात कही थी।
इससे कर्मचारी बिल्कुल भी सहमत नहीं है। पुराने सभी कर्मचारी अनुभवी हैं और सिर्फ समायोजित करने का कार्य एएचएम और कंपनी को करना था लेकिन कर्मचारियों से कंपनी प्रशिक्षण के नाम पर अवैध वसूली करने पर अमादा है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। संचालनकर्ता दोनों कंपनियों को नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा 250 एंबुलेंस गाड़ियों का हैंड ओवर, टेक ओवर जारी किया जा चुका है। इससे स्पष्ट है कि नई कंपनी ने कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है।
आरोप है कि कर्मचारियों को एनएचएम की मिलीभक्त से साजिशन बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। 19 जुलाई को जिगित्सा हेल्थ कंपनी ने कर्मचारियों को समायोजित बारे अपने निर्णय मे कहा पुराने कर्मचारियों को रखने में सक्षम नहीं है। इतना ही नहीं नई कंपनी के एचआर हेड ने श्रम विभाग में कर्मचारियों से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और पुराने कर्मचारियों को लेने से मना कर दिया है।
इस कारण कर्मचारियों और कंपनी हेड के बीच कहासुनी भी हुई। सभी कार्यरत कर्मचारी अनुभवी हैं, जिनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि उनके हितों की अनदेखी ना करते हुए मिशन निदेशक द्वारा दोनों कंपनियों को निर्देशित किया जाए कि फ्रंट कोरोना वारियर्स प्रथम चरण और द्बितीय करोना काल से कार्यरत कर्मचारियों को समायोजित कर नौकरी को सुरक्षा दी जाए।