UP news
UP : अखिलेश यादव को चुनावी घोषणापत्र पर पार्टी नेताओं से मिले ये सुझाव
लखनऊ. यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भले ही शिकस्त का समाना करना पड़ा हो लेकिन पार्टी में अब हार से आगे बढ़ते हुए 2022 के लक्ष्य को साधने के लिए रणनीति बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जिसकी झलक पंचायत चुनाव के हार की समीक्षा के लिए बुलायी गयी बैठक में भी नजर आई. सपा मुख्यालय पर हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ लंबे टाइम के बाद पार्टी के थिंक टैंक माने जाने वाले प्रोफेसर राम गोपाल यादव भी मौजूद रहे.
इस दौरान बैठक में 2022 के चुनाव की रणनीतियों को लेकर भी रायशुमारी हुई. जिसके तहत चुनावी घोषणापत्र को लेकर भी बड़े नेताओं की तरफ से विधायकों और पदाधिकारियों से राय मांगी गयी. कुछ नेताओं ने लैपटॉप को एक बार फिर से घोषणापत्र का हिस्सा बनाने की वकालत की. इस पर बड़े नेताओं ने भी अपनी सहमति दी. कुछ नेताओं ने कहा कि इस वक्त नौजवान सबसे ज्यादा रोजगार के मुद्दे पर वोट की चोट करना चाहता है. लिहाजा पार्टी अगर घोषणापत्र में रोजगार को लेकर बड़ा वादा करे तो पार्टी को इसका फायदा होगा.
पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक विधायक ने कहा कि कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उनके परिवारों को लेकर बड़ी घोषणा होनी चाहिए. जिस पर पार्टी के बड़े नेताओं ने गंभीरता से विचार करने के लिए कहा. सूत्रों के अनुसार पहले जिस तरीके से सपा चुनावी रणनीति के तहत छोटे दलों समझौता कर रही है, इसी के साथ पार्टी अपने घोषणा पत्र के वादों को लेकर भी बेहद गंभीर है. इस पर पार्टी के नेताओं की भी आम सहमति चाहती है.
पार्टी मुख्यालय पर चली इस चार घंटे की बैठक में पंचायत चुनाव में मिली हार को लेकर भी पार्टी नेताओं ने अपनी बात रखी. उन्होंने बीजेपी पर बेइमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कई प्रस्तावक मौके पर मौजूद नहीं मिले तो बीडीसी सदस्यों को उनके घर से उठा लिय़ा गया. वहीं वरिष्ठ नेताओं ने इन मुद्दों को सदन में उठाने पर जोर दिया.