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यूपी: वाराणसी में ही आंख से संबंधित सभी उपचार, बीएचयू में तीसरा है क्षेत्रीय नेत्र संस्थान।
वाराणसी। आंखों के किसी भी प्रकारण के उपचार के लिए मरीजों को अब चेन्नई या अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। काशी में ही आंखों के सभी प्रकार के रोगों का बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर क्षेत्रीय नेत्र संस्थान बनकर तैयार है। सीतापुर एवं प्रयागराज के बाद यहां प्रदेश के तीसरा इस तरह का संस्थान बना है, जिसमें करीब 60 करोड़ की आधुनिक एवं अपग्रेड मशीनें मंगाई गई हैं। इस संस्थान का लोकार्पण खुद प्रधानमंत्री करने वाले हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर बीएचयू में ही 450 बेड का शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स, 100 बेड का एमसीएच विंग एवं 100 बेड का ही ट्रामा सेंटर परिसर में मानसिक अस्पताल बना है। इसके अलावा सर सुंदरलाल एवं ट्रामा सेंटर में अनकों सुविधाएं मोदी की पहल पर बढ़ाई गई है। मरीजों को मुफ्त में ब्लड दिया जा रहा है। अस्पताल का फंड एक लाख से बढ़ाकर प्रति बेड दो लाख किया गया।
साथ ही इस संस्थान को एम्स के बराबर दर्जा प्रदान किया गया है। इसी के तहत आइएमएस में पहली बार पांच साल के लिए स्थायी निदेशक नियुक्त किए गए हैं। सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स तो कोरोना की पहली व दूसरी लहर में वरदान साबित हुआ। वरना लेवल थ्री जैसी सुविधा पूर्वांचल में और कही नहीं मिल पाई। ब्लैक फंगस के मरीजों का भी उपचार यही पर किया जा रहा है। वहीं क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में रेटिना, ग्लूकोमा, कार्निया सहित लगभग सभी विभागों की स्पेशियलिटी की स्पेशल क्लीनिक सुविधा मौजूद रहेंगी।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के दंत चिकित्सा संकाय में जूनियर डॉक्टरों की संख्या इस साल बढ़ने वाली है। कुछ माह में ही संकाय को नौ और सीनियर रेजिडेंट मिलने जा रहे हैं। इससे दांत संबंधी बीमारियों का उपचार और बेहतर हो जाएगा। इसके अलावा यहां पर ईडब्ल्यूएस कोटे से पांच एमडीएस की भी सीटें बढ़ने जा रही है। यानी यहां पर अब मरीजों को उपचार कराने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
साथ ही अधिक से अधिक देश को अनुभव दंत चिकित्सक भी मिलेंगे। मालूम हो कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान ने पिछले माह ही संस्थान के सभी संकायों माडर्न मेडिसिन, आयुर्वेद संकाय, दंत चिकित्सा संकाय के लिए एसआर की पोस्ट विज्ञापित की गई थी। इसके तहत सभी सुकायों को मिलाकर विभिन्न विभागों में करीब 192 एसआर की नियुक्ति होनी है।
इसकी प्रक्रिया इसी माह शुरू होने जा रही है। दंत चिकित्सा संकाय के प्रमुख प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही संकाय में नौ और एसआर मिलने वाले हैं। इसके साथ ही ईडब्ल्यूएस कोटे से एमडीएस की पांच सीटें भी बढ़ने वाली है। बताया कि 24 जुलाई को एसआर की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार होना है।