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यूपी : देश का पहला न्यायालय बना इलाहाबाद हाई कोर्ट, जिसके पास है अपना सूचना तकनीकी केंद्र
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश की न्यायिक राजधानी इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट के नाम एक और गौरव दर्ज है. जी हां… आज से 5 साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट बना, जिसके पास अपना खुद का सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र(Information and technology department) मौजूद है.
हाईकोर्ट की सेंटर द्वारा आप 150 साल के सभी वांछित मुकदमे किसी भी वक्त घर बैठे देख सकते हैं. बस एक क्लिक और मुकदमे की सारी जानकारी आपके पास. इसको विकसित करने के साथ ही 50 करोड़ पन्नों को स्कैन करके कंप्यूटर में डाटा एकत्रित किया गया.
एशिया के सबसे बड़े हाईकोर्ट का यह कदम डिजिटलीकरण के दौर में एक सराहनीय, आम लोगों के लिए लाभकारी और लोकप्रिय साबित हो रहा है. अतः सूचना तकनीकी के नए युग की शुरुआत भारत के सभी हाईकोर्टो में सबसे पहले हुई है.
कब बना आईटी (IT) सेंटर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150वीं वर्षगांठ के समारोह पर इस सेंटर की स्थापना की गई थी. इस सेंटर के बनने में हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की भूमिका रही. सेंटर का उद्घाटन 12 मार्च 2016 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया तीरथ सिंह ठाकुर द्वारा की गई थी. आपको बता दें कि हाईकोर्ट में स्थित गवर्नमेंट प्रेस की पुरानी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार करते हुए आधुनिक तकनीकी के उपयोग से इसे सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र में तब्दील कर दिया गया.
यहां तीन मंजिल की इमारत 40 हजार वर्ग मीटर में स्थित है. इस इमारत में स्कैनिंग पहली मंजिल पर की जाती है. इस बिल्डिंग में तकनीकी, बिजली, सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जैसे- 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए दो अलग अलग फीडर है, साथ ही साथ दो ध्वनि रहित आधुनिक जनरेटर भी हैं.
सुरक्षा की दृष्टि से इसे आधुनिक बनाया गया है. बिल्डिंग में बायोमेट्रिक कार्ड के जरिए ही एंट्री मिलती है क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है. यह मौजूद डाटा को सुरक्षित रखने के लिए बैकअप की भी व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि प्रयागराज और लखनऊ के सर्वर आपस में जुड़े हैं जिसके चलते दोनों के पास एक दूसरे का बैकअप उपलब्ध है.
सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र से हो रहा है सबका लाभ
अपने 150 साल के इतिहास में हाईकोर्ट में करोड़ों मुकदमों की फाइलें मौजूद हैं, जो वक्त के साथ-साथ खराब होती जा रही थी. इनके रख रखाव में भी समस्या आ रही थी. फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए अधिक पैसे, जगह और लोगों की जरूरत पड़ती थी. इन सभी समस्याओं से पार पाने के लिए आईटी सेंटर बनाया गया, जिससे यहां काम कर रहे कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं. अब आम लोगों को रिकॉर्ड पाने के लिए कोसों दूर प्रयागराज नहीं आना पड़ता बल्कि अपने ही सीमा क्षेत्र में वह यह काम आसानी से कर पा रहे हैं. इसके चलते मामलों के निस्तारण में भी जल्दी और आसानी हो रही है.