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यूपी: चंदौली में संसाधनों के भरोसे सिंचाई की आस छोड़ चुके अन्नदाता निहार रहे आसमान।
चंदौली। संसाधनों के भरोसे सिंचाई की आस छोड़ चुके अन्नदाता अब आसमान निहार रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली व आसपास के कई इलाकों में मानसून की दस्तक के बाद अब जिले में भी अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। अन्नदाता खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई के लिए बारिश के इंतजार में हैं, ताकि खरीफ की बोआई का रकवा बढ़ सके।
वैसे तो स्थानीय क्षेत्र कई बार सूखा के हालातों को झेल चुका है, लेकिन जून और जुलाई में किसान की नजर बारिश पर रहती है। वर्ष 2020 और 2021 में अब तक की बारिश की तुलना की जाए तो इस बार अच्छी बारिश मानी जा रही थी। कई दिनों से गर्मी में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ मौसम भी जल्द मानसून की दस्तक का संकेत दे रहा है। सोमवार की सुबह हल्के बादल देख यही लगा कि बारिश होगी।
बादल भले ना बरसे, लेकिन आसपास के क्षेत्रों में बारिश के बाद अब उम्मीद बढ़ गई है। सिंचाई संसाधन बदहाल हैं। नहर व माइनरों में पानी नहीं होने से रोपाई को लेकर किसान चिंतित हैं। इसकी वजह से अभी तक 50 फीसद फसलों की भी बोआई नहीं हो सकी है। कृषि विज्ञान केंद्र वरिष्ठ विज्ञानी डाक्टर एसपी सिंह ने कहा कि बारिश की स्थिति बन रही है। मानसून की चाल यही रही तो सामान्य से बेहतर बारिश फसलों के लिए भी लाभदायक होगी। जिला कृषि अधिकारी राजीव भारती ने कहा कि बारिश होते ही फसलों की लक्ष्य पूर्ति होगी।
उत्पादन के लिए खास जुलाई का दूसरा सप्ताह खरीफ की फसलों की बोआई का सही समय 15 जून से 15 जुलाई के मध्य माना जाता है। अब सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है। उत्पादन पानी पर ही आधारित रहेगा। कृषि विज्ञानी मानते हैं कि अगले सप्ताह 30 से 40 मिलीमीटर बारिश खेती-बाड़ी के लिए काफी हितकर होगी। उधर जैसे तैसे धान की रोपाई करने वाले अन्नदाता भी बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं।