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यूपी: वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार के जलाभिषेक पर फंसा मामला।
वाराणसी। सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक पर दोबारा विवाद शुरू हो गया है। गोप सेवा समिति ने प्रशासन ने किसी भी नई परंपरा को बंद करने का अनुरोध किया है। समिति के सदस्यों और अधिकारियों की बीच बातचीत के बाद भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं हो सकता है। अधिकारियों ने समितियों से लिखित में विवरण मांगा है।
वहीं समिति के सदस्यों ने यह कहते हुए कुछ भी देने से इनकार कर दिया कि प्रशासन के पास पिछले कई दशकों का रिकार्ड मौजूद है।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के प्रथम सोमवार को यादव बंधुओं द्वारा जलाभिषेक की परंपरा है।
गोप सेवा समिति वर्ष 1932 से परंपरा का निर्वहन करती आ रही है। नौ शिवालयों में जलाभिषेक निरंतर किया जा रहा है। पिछले साल एक दूसरे गुट को भी जलाभिषेक की अनुमति मिली थी, इसको लेकर ही इस बार विवाद शुरू हुआ है। गोप सेवा समिति का तर्क है कि जब किसी भी नई शुरुआत की इजाजत शासन की ओर से नहीं है तो गत वर्ष क्यों दूसरे गुट को जलाभिषेक के लिए अलग से अनुमति दी गई।
पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन अपने रिकॉर्ड खंगाले और उसके अनुसार ही गोप सेवा समिति को जलाभिषेक की अनुमति दी जाए। समिति के लोग ही यदुवंशी समाज का ध्वज लेकर जलाभिषेक यात्रा में शामिल होते हैं। दूसरा गुट पारिवारिक परंपरा को सार्वजनिक बनाने का प्रयास कर रहा है।
वहीं दूसरे पक्ष ने इस वर्ष भी जलाभिषेक की इजाजत के लिए आवेदन दे रखा है। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि जलाभिषेक की परंपरा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। 22 जुलाई को पुलिस प्रशासन के साथ बैठक में जलाभिषेक पर निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व सीएम अखिलेश ने रद्द किया कार्यक्रम
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने की खबरों के बाद गोप सेवा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ में उनसे भेंट की। उन्हें बताया गया कि उन्हें पारिवारिक जलाभिषेक के आयोजन में आमंत्रित किया गया है न कि यदुवंशी समाज की ओर से होने वाले आयोजन में। इस जानकारी के बाद अखिलेश ने 26 जुलाई को जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया।