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यूपी: वाराणसी में पंचक्रोशी सहित छह पौराणिक यात्राओं पर मंडराता संकट।

यूपी: वाराणसी में पंचक्रोशी सहित छह पौराणिक यात्राओं पर मंडराता संकट।


वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पंचायतन में आने वाले चार मंदिरों सहित काशी खंडोक्त 50 से अधिक देवालयों को उनके मूल स्थान से हटा दिए जाने के कारण इस वर्ष सावन में होने वाली पंचक्रोशी सहित छह पौराणिक यात्राओं में बाधा उत्पन्न होने की संभावना है। केंद्रीय ब्राह्मण महासभा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर इन यात्राओं की राह की अड़चन दूर कराने का अनुरोध किया है।

महासभा ने पीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि यदि सावन से पहले काशी खंडोक्त देव विग्रह अपने स्थान पर नहीं रखे गए तो पंचक्रोशी यात्रा के साथ विश्वेश्वर अंतर्गृही यात्रा, द्वादश आदित्य, उत्तर मानस यात्रा छप्पन विनायक यात्रा प्रभावित होंगी। महासभा के पदाधिकारियों ने अनुरोध किया है कि काशी के पौराणिक स्थलों का ध्वस्तीकरण रोका जाय। ज्ञानवापी के अति प्राचीन अक्षयवट वैदिक रीति से पुन: रोपित हो। 
विभिन्न यात्राओं के परंपरागत देव विग्रहों को हटाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के लिए 50 से अधिक प्राचीन देव विग्रहों को उनके मूल स्थान से हटा कर एक कमरे में रख दिया गया है। गत वर्ष सावन में भक्तों ने मलबों के बीच दबे उक्त देव विग्रहों का दर्शन-पूजन करके किसी प्रकार अपनी यात्रा पूरी की थी।