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यूपी: राम मंदिर के लिए गुलाबी पत्थरों की पहली खेप अहरौरा से अयोध्या रवाना।

यूपी: राम मंदिर के लिए गुलाबी पत्थरों की पहली खेप अहरौरा से अयोध्या रवाना।


वाराणसी। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अहरौरा के कुदारन स्थित कटर प्लांट से सोमवार को गुलाबी पत्थरों की पहली खेप भेजी गयी। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने कटर प्लांट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राम मंदिर के निर्माण में लगाए जाने वाले पिलरों की विधि-विधान से पूजा किए। इसके बाद गुलाबी पत्थरों को कटिंग कर तैयार किए गए पिलरों को ट्रकों पर लोड किया गया। 

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बीते वर्ष भूमि पूजन के बाद एल एण्ड टी कम्पनी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। इस कम्पनी ने मंदिर के पाथ-वे एवं अन्य कार्यों के लिए पहले राजस्थान से गुलाबी पत्थरों को मंगवा रहा था, लेकिन लागत अधिक हो जाने के कारण कम्पनी ने अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का चयन कर लिया।

अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का परीक्षण कराने के बाद प्रदेश सरकार से अनुमति लेकर कार्यदायी संस्था ने बीते दिसंबर माह में तत्कालीन डीएम सुशील कुमार पटेल और जिला खान अधिकारी पीके सिंह से सम्पर्क किया। डीएम के निर्देश पर खान अधिकारी ने अहरौरा के कटिंग प्लांटों से पत्थरों का नमूना दिखा दिए। इसके बाद कम्पनी के अधिकारियों ने सुमित्रा स्टोन अहरौरा के मालिक अजय सिंह व वीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ राजू से सम्पर्क कर जरूरत के मुताबिक पत्थरों का आर्डर दे दिए।

कम्पनी के अधिकारियों ने सोमवार को अहरौरा स्थित कटर प्लांट से पत्थरों की कटिंग कराने के बाद उसका डीएम से विधि-विधान से पूजा कराया। रामनामी में चुनिंदा पत्थरों को लपटने के बाद पूजा की गयी। इसके बाद गुलाबी पत्थरों के पिलरों को एक ट्रक पर लोड कर रवाना किया गया। 

एल एण्ड टी के प्रोजेक्ट मैनेजर बृजेश सिंह ने जिलाधिकारी को अंग वस्त्रम व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर तहसीलदार चुनार अरूण कुमार गिरी, ओम प्रकाश सिंह, छोटन सिंह, गोपाल दास गुप्ता, अभिनव सिंह, चन्दन श्रीवास्तव, विशाल सिंह, मनोज सोमपुरी, अर्जुन सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन फणीन्द्र श्रीवास्तव ने किया।

राम मंदिर में लगेंगे 19 हजार पिलर
मिर्जापुर। अयोध्या के राम मंदिर में चार फीट लंबे और दो फीट चौड़े 19 हजार गुलाबी पिलरों की जरूरत है। इसके अलावा पाथ-वे के लिए चौकोर गुलाबी पत्थरों की जरूरत है। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने बताया कि पहले चार फीट लंबे और दो फीट चौड़े पिलरों की आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद जरूरत के अनुसार अन्य पत्थरों की आपूर्ति की जाएगी। इन पत्थरों की आपूर्ति सात से आठ माह में पूरी कर ली जाएगी।