
UP news
यूपी: वाराणसी में शिक्षिका को अश्लील व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन बनाकर दी धमकी।
वाराणसी। कोरोना काल में परिषदीय विद्यालय के बच्चे स्कूल नहीं आ रहे है। ऐसे में शिक्षकों को बच्चों के घर-घर जाकर नामांकन, प्रेरणा साथी का चयन व अभिभावकों से संपर्क कर उनको ऑनलाइन क्लास के लिए प्रेरित करना है। बीते दो जुलाई को कंपोजिट विद्यालय गोइठहां की दो शिक्षिका गांव में घूमकर ऐसे ही कार्य कर रहीं थी।
उसी रात सहायक अध्यापक सुनीता भारती को गांव में घूमकर ग्रुप बनाने को लेकर धमकी दी गई। फोन कटने के तुरंत बाद अश्लील नाम से व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाया गया और उसका एडमिन शिक्षिका को बनाया गया। कुछ ही देर में उस ग्रुप में 125 को जोड़ दिया गया। दूसरे दिन शिक्षिका ने मामले की सारी जानकारी अपने प्रधानाध्यापक को दी। शिक्षिका की ओर से मामले की शिकायत साइबर सेल में भी की गई है।
लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं कि गई है। बता दें कि कोविड 19 महामारी के चलते शिक्षण संस्थान बच्चों के लिए बंद हैं। इसके चलते परिषदीय विद्यालय के अलावा अन्य विद्यालयों के पात्र छात्र-छात्राओं को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें और कार्य पुस्तिकाएं नहीं मिली हैं। इससे पढ़ाई लिखाई में समस्या आ रही है। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को जल्द मिलेंगी किताबें
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर कहा है कि शैक्षिक सत्र में निशुल्क पाठ्यपुस्तक की आपूर्ति के लिए तीन दिनों में समिति द्वारा सत्यापन करा लें।
फिर चार से पांच दिनों में किताबें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा ब्लॉक संसाधन क्रें द पर पहुंचाए जाएं। बीआरसी से पाठ पुस्तकों को विद्यालय पहुंचाने की व्यवस्था खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा की जाएगी। बाद में छोटे-छोटे समूह में बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर उन्हें उपलब्ध कराई जाए। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि पत्र मिल गया है, शासन की मंशा के अनुसार छात्र-छात्राओं तक पुस्तकें पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।