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यूपी: वाराणसी में सिगरा महमूरगंज तक बनी सीवर लाइन का मैनहोल खोलकर हुई जांच।
वाराणसी। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से सिगरा-महमूरगंज तक बनी सीवर लाइन की टीएसी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित हो गई है। इसमें अधिशासी अभियंता टीएसी पवन कुमार यादव, सहायक अभियंता टीएसी सीरूी मिश्रा व जूनियर इंजीनियर टीएसी दिनेश कुमार मिश्र को नामित किया गया है। यह टीम इन दिनों बनारस है और जांच शुरू कर दी है। इसके तहत गुरुवार को मौके पर जांच टीम पहुंची और मैनहोल खोलकर जांच की।
सिगरा से महमूरगंज तक हर मैनहोल को देखा। एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजना है जहां से विधान परिषद में जांच आख्या प्रस्तुत की जाएगी। आदेश के क्रम में यह स्पष्ट किया गया है कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक जांच टीम को जरूरी आख्या उपलब्ध कराएं। इसका अनुपालन करते हुए परियोजना प्रबंधक एसके बर्मन ने संबंधित फाइलों को सुपुर्द कर दिया जिसका की जांच टीम की ओर से शुक्रवार को की जाएगी।
बता दें कि सिगरा-महमूरगंज सीवर लाइन कार्य में जमकर धांधली हुई है। एक तो वक्त ज्यादा लगा तो दूसरे गुणवत्ता पर भी सवाल उठे। अनियमितता इस कदर हुई कि पाइप लाइन का ड्रेनेज अब तक सुधर नहीं सका। इसको लेकर सपा नेता व एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने विधान परिषद में मामला उठाया। धांधली को बिंदुवार रखते हुए जांच की मांग की थी जिसको संज्ञान में लेकर विधान परिषद ने मामले की जांच कराने के लिए शासन स्तर पर संबंधित विभाग को आदेशित किया था। इसी क्रम में जांच हो रही है।
सर्किट हाउस में गुरुवार की शाम को करीब पांच घंटे बिजली गुल रही है। यहां के कर्मचारियों एवं इंजीनियर का कहना है कि विद्युत विभाग ने बिजली काट दी थी। इसके करण लोगों को परेशानी हुई। इंजीनियर ने बताया कि गुरुवार को तमाम वीआइपी आए थे, लेकिन उन्हें भी अंधेरे का सामना करना पड़ा।
वहीं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी जोन के मुख्य अभियंता वितरण देवेंद्र सिंह ने विभाग की ओर से बिजली नहीं काटी गई थी। उन्होंने बताया कि सर्किट हाउस में दो तरफ से आपूर्ति होती है। दोनों ही तरफ की लाइन में कोई गड़बड़ी नहीं थी। इस लिए पांच घंटे बिजली गुल रहने का आरोप सही नहीं है।