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यूपी: अनिश्चितता की चिंता छोड़कर वाराणसी के युवाओं ने कोरोना के दूसरी लहर में जमकर किया शेयर बाजार निवेश।

यूपी: अनिश्चितता की चिंता छोड़कर वाराणसी के युवाओं ने कोरोना के दूसरी लहर में जमकर किया शेयर बाजार निवेश।


वाराणसी। महामारी के दौरान शेयर बाजार अपना आकार बढ़ाने में कामयाब रहा। अनिश्चितता की चिंता को छोड़कर युवाओं ने महामारी के पहले लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार में किया है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो युवा अगर ऐसे ही उम्मीद और धैर्य बनाए रखे तब तीसरे लहर में शेयर बाजार का आकार और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी की पहली लहर निवेशकों के लिए सबसे बुरा सपना साबित हुआ।

उस समय निवेशकों के सामने अनिश्चितता का दौर था। उस समय लोगों के जेहन में यही सवाल था कि कल क्या होगा। जिसे सोचकर वह बेचैन थे। इस कारण जमकर बिकवाली हुई। जिसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा। लेकिन दूसरी लहर में निवेशक उतने ज्यादा परेशान नहीं हुए। कारण कि उन्हें भलीभांति मालूम था कि कल सब कुछ ठीक हो जाएगा। यानी कि अब वह अनिश्चितता से बिल्कुल भी नहीं घबरा रहे थे। उन्होंने पहली लहर से सबक ले लिया था कि मांग में कमी नहीं हुई है। असल समस्या आपूर्ति की थी।


बता दें कि दूसरे लहर में अन्य जगहों पर निवेश के बजाए निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार में किया है। वह भी ऐसे इंडस्ट्रीज में जहां पहले सबसे कम रुझान देखे जाते थे। आंकड़े बताते हैं कि गत वर्ष के लॉकडाउन में जहां निफ्टी 7801 पर था और सेंसेक्स 26775 पर वहीं अब निफ्टी 15690 और सेंसेक्स 52386 पर चल रहा है। इस दौरान करीब दो लाख 17 हजार नए डीमेट खाते खोले गए। युवा निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश स्टील, फार्मा, स्वास्थ्य बीमा, आइटी इंडस्ट्रीज की कंपनियों के शेयर में किया है। आंकड़ों पर नजर घुमाएं तो करीब 16 महीने में बाजार दोगुने की मजबूत स्थिति में पहुंच गया है।

बाजार जानकारों की मानें तो लॉकडाउन में कैश का फ्लो बढ़ गया है। लोगों के पास पैसा और समय भी भरपूर था। माना कि दुकानें बंद थीं। लेकिन कारखाने चल रहे थे। उस दौरान युवाओं ने शेयर बाजार की डेप्ट देखी। फिर झूमकर उसमें निवेश किया। इसके पीछे असल कारण था कि युवाओं के पास डिजिटल मोबाइल था। जिससे भाव उनके हाथ में था। ट्रेडिंग एप के माध्यम से वह शेयर बाजार में पल-पल नजर बनाए हुए थे।