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यूपी: मुरादाबाद जिला अस्पताल में कई जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म, डिप्रेशन के मरीजों की बढ़ रही परेशानी।
उत्तर प्रदेश। मुरादाबाद में दवाओं की खरीद की जिम्मेदारी कारपोरेशन की है। जिले में मंडल का कारोपोरेशन स्टाेर भी बनाया जा चुका है लेकिन, दवा की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। कारपोरेशन में जरूरी दवाइयां ही नहीं हैं। जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए ओपीडी व्यवस्था है।
यहां उन्हें देने के लिए दवाइयां ही नहीं हैं। डिप्रेशन, मिर्गी दौरा और नीदं की दवाइयां पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। मरीजों को बिना दवा के ही भेज दिया जाता है। हालात ये हो गए हैं कि कई मरीज तो विभागीय कर्मचारियों से ही उलझ गए। काफी समझाने के बाद भेजा गया।
डिप्रेशन में कैप्सूल फ्लूक्सोटीन 20 एमजी, टेबलेट सरट्रेलाइन 50 एमजी, टेबलेट पेराक्सीटाइन एसआर 12.5 एमजी, टेबलेट एमीट्रिप्टीलाइन 25 एमजी, मिर्गी दौरे में टेबलेट करबामेजीडाइन 200 एमजी, टेबलेट करबामेजीडाइन 400 एमजी, नींद के लिए टेबलेट पेराक्सीटाइन एसआर 12.5 एमजी की दवाइयां जिले में नहीं हैं। कारपोरेशन को डिमांड भेजी गई थी तो वहां से जवाब मिला कि वहीं से खरीदवा दीजिये। अब हालात ये हैं कि मरीजों को देने के लिए मानसिक रोग ओपीडी में दवा नहीं है।
1. कैप्सूल फ्लूक्सोटीन 20 एमजी, 30 हजार।
2. टेबलेट एस्कीटालोप्राम 10 एमजी, 20 हजार।
3. टेबलेट एस्कीटालोप्राम 20 एमजी, 10 हजार।
4. टेबलेट सरट्रेलाइन 50 एमजी, 20 हजार।
5. टेबलेट करबामेजीडाइन 200 एमजी, 20 हजार।
6. टेबलेट करबामेजीडाइन 400 एमजी, 20 हजार।
7. टेबलेट पेराक्सीटाइन एसआर 12.5 एमजी, 10 हजार।
8. टेबलेट लोराजीपाम 1 एमजी, 10 हजार।
9. टेबलेट एमीट्रिप्टीलाइन 25 एमजी, 30 हजार।
बता दें कि मानसिक रोग के मरीजों को दवा नहीं दे पा रहे हैं। कारपोरेशन को एक लाख 70 हजार टेबलेट की डिमांड भेजी गई थी। लेकिन, वहां से मना कर दिया गया है। लोकल परचेज के लिए कहा जा रहा है। यहां लोकल परचेज की व्यवस्था खत्म कर दी गई है।