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यूपी: वाराणसी काशी विद्यापीठ में अब कोरोना के कारण नहीं होगी प्रायोगिक परीक्षाएं, लिखित परीक्षा के आधार पर मिलेंगे नंबर।

यूपी: वाराणसी काशी विद्यापीठ में अब कोरोना के कारण नहीं होगी प्रायोगिक परीक्षाएं, लिखित परीक्षा के आधार पर मिलेंगे नंबर।


वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षा जारी है। कोरोना संक्रमण के कारण प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं आयोजित कराई जाएंगी। प्रायोगिक परीक्षाओं में लिखित परीक्षाओं के अंकों के आधार पर अंक प्रदान किए जाएंगे। जहां मौखिक परीक्षाएं आवश्यक होंगी, वहां परीक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन कराया जाएगा। यह जानकारी कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय ने दी।

कुलसचिव ने बताया कि जो महाविद्यालय ऑनलाइन मौखिकी परीक्षा नहीं करा पाएंगे अथवा जिन विषयों के मौखिकी परीक्षा के अंक समय से प्राप्त नहीं होंगे, उनमें मौखिकी परीक्षा के अंकों का निर्धारण प्रायोगिक परीक्षा की भांति सैद्धांतिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा।

जो विषय पूरी तरह प्रायोगिक परीक्षा पर आधारित हैं, उनमें 60 प्रतिशत सैद्धांतिक परीक्षा के आधार पर तथा 40 प्रतिशत अंक महाविद्यालय द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। महाविद्यालयों से अपेक्षा है कि परीक्षा समाप्त होने के सप्ताह भर के अंदर आंतरिक मूल्यांकन के अंक विश्वविद्यालय को भेज दें।

 आंतरिक मूल्यांकन के अंक 80 प्रतिशत से अधिक नहीं होने चाहिए। व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के मौखिकी परीक्षा के अंकों का निर्धारण सैद्धांतिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा।
महाविद्यालयों में नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। लेकिन महाविद्यालयों में लापरवाही बरती जा रही है। खासकर परिसर में बिना मास्क पहुंच रहे परीक्षार्थियों को रोका जा रहा है न थर्मल स्क्रीनिंग आदि की जा रही है। 

विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देशानुसार परीक्षा भवन में प्रवेश से पहले थर्मल स्कै निंग, शारीरिक दूरी और मास्क को अनिवार्य किया गया है। वहीं प्रवेश की जल्दबाजी में विद्यार्थी सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच जहां दो मीटर की दूरी के हिसाब से सीटिंग अरेंजमेंट किया गया है, लेकिन महाविद्यालयों में दो मीटर की दूरी गायब है।

एक सीट पर दो छात्रों को बैठाया गया है। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन सभी को सख्ती से करना है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थियों से भी अपील है कि वह इसका पालन करें।