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यूपी: वाराणसी में आधुनिक तकनीक से लैस जलयान और क्रूज से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।
वाराणसी। गंगा नदी में चलने वाली सैम मानेकशां और विवेकानंद जलयान रो पैक्स की बात करें तो यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। इसमें लगा एआईएस यंत्र लगभग बीस किलोमीटर दूर से ही चारों दिशा से आने वाले जहाज की पहचान कर लेगा।
विल हाउस में लगा एक्वा यंत्र बिना किसी क्रू-मेंबर की मदद से जहाज चल सकता है। दोनों रो के इंचार्ज मास्टर प्रदीप अधिकारी और शंभूनाथ अदक ने बताया कि जहाज में 200 लोग बैठ सकते हैं। दो भारी वाहन तथा चार छोटे वाहन खड़े हो सकते हैं। दो पहिया वाहन खड़ा करने की भी व्यवस्था है।
काशीवासियों सहित पर्यटकों को गुरुवार को रो पैक्स के तहत विवेकानंद तथा सैम मानेकशा जलयान सहित एक क्रूज की सौगात मिली। वाराणसी आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया। अलकनंदा के अलावा दो जलयान व एक क्रूज में बैठकर पर्यटक अब गंगा घाट का नजारा देखेंगे। पीएम के स्वर्णिम परियोजना अर्थ गंगा के तहत इसे साकार रूप दिया गया।
वाराणसी में पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए रो पास योजना का प्रस्ताव बनाया गया था।इस योजना के तहत जलयान से यात्रियों सहित वाहन व सामान का भी आवाजाही होगी। काशी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा नदी में चलने वाली रो पैक्स जलयान व क्रूज आधुनिक तकनीकयुक्त है। पर्यटक काशी के घाटों व मंदिरों का नजारा बेफ्रिक होकर निहार सकते हैं। जलयान में आधुनिक सुरक्षा यंत्र व उपकरण लगे हैं। इसकी भव्यता काशी में पर्यटकों को समुद्र का आभास करायेंगी।
जहाज पर क्रू-मेंबरों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। जहाज डूबने की स्थिति में लाइफ रैपट कैप्सूलनुमा बैग स्वतः खुल जाएगा और सभी क्रू-मेंबर लाइफ रैपट में चले जाएंगे। इसमें दस दिनों तक सुरक्षित रहा जा सकता है।
गोवा से आया क्रूज अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। कोई दुर्घटना होने पर जलयान में मौजूद रिंग लाइफ बोय,सेल्फ एगनेटिक बोय लाइट, बोय ऑपरेटर तथा लाइफ जैकेट के सहारे यात्री गंगा को पार कर बड़ी आसानी से किनारे पहुंच जायेंगे। सेल्फ एगनेटिक बोय लाइट सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण है।
पानी में जाते ही सेल्फ एगनेटिटिक बोय लाइट अपने आप जल जाएगी। इससे लोग तुरंत मदद के लिए पहुंच जाएंगे। एक चौड़े आकार की फाइवर की प्लेट है। यह पानी में तैरती रहेगी। इसपर बैठने वाले सुरक्षित रहेंगे। इसकी क्षमता 30 लोगों की है।