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यूपी: मथुरा में मुड़िया पूर्णिमा मेला पर अब नहीं उमड़ेगा आस्था का सैलाब।
मथुरा। प्रशासनिक मंथन में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मुड़िया महंत, मंदिर प्रबंधन, स्थानीय लोग और प्रशासन में मुड़िया मेला को निरस्त करने पर एकमत से सहमति बन गई है। मेला तो नहीं लगेगा, लेकिन मुड़िया परंपरा कुछ संतों के साथ सूक्ष्म रूप में निभाने पर भी सभी ने सहमति जताई।
गोवर्धन में प्रतिवर्ष पांच दिवसीय राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला का आयोजन आषाढ़ पूर्णिमा पर होता है। इस बार यह मेला 20 से 24 जुलाई तक है। गोवर्धन पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरूप मानकर भक्त गिरिराजजी नाम से बुलाते हैं। इनकी 21 किमी की परिक्रमा है, श्रद्धालु अनवरत परिक्रमा करता रहते है।
इस मेला में करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान होता है। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने मुड़िया मेला पर लोगों की राय जानने के लिए सोमवार को एडीएम प्रशासन सतीश चंद त्रिपाठी की अध्यक्षता में एसडीएम राहुल यादव, सीओ रविकांत पाराशर ने पीडब्लूडी के मीटिग हाल में बैठक हुई।
उन्होंने मुड़िया महंत गोपाल दास, राम कृष्ण दास, चेयरमैन गोवर्धन खेमचंद शर्मा, चेयरमैन राधाकुंड टिमटू, व्यापार मंडल के संजीव लालाजी, तहसील प्रभारी गणेश पहलवान, स्थानीय लोगों के साथ मुड़िया मेला के आयोजन पर राय मांगी। सीएचसी प्रभारी डा. वीएस सिसौदिया, मुड़िया महंत गोपाल दास, रामकृष्ण दास ने कहा कि आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं से कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा। मुड़िया परंपरा सूक्ष्म रूप में ही निभाई जानी चाहिए।
उक्त सभी ने भी एक मत से आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जिससे कोरोना से स्थानीय लोगों का बचाव हो सके। स्थानीय लोगों ने कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। इससे दूर-दराज के भक्तों तक मेला निरस्त होने की सूचना पहुंच सके। हालांकि मुड़िया मेला निरस्त होने की औपचारिक घोषणा होना बाकी है।
वहीं भाजपा के ज्ञानेंद्र राणा, श्याम सुंदर उपाध्याय, व्यापार मंडल के महामंत्री ठाकुर फतेह सिंह, पंकज बौहरे, पंकज वर्मा, डल्लू मास्टर, मोहम्मद उमर फारुखी, सियाराम शर्मा, हरभान सिंह आदि मौजूद रहे।