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यूपी: वाराणसी में दक्ष चिकित्सकों सहित अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत।

यूपी: वाराणसी में दक्ष चिकित्सकों सहित अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत।


वाराणसी। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को समृद्ध करने की जोर-शोर से तैयारियां शुरू कीं, मगर सक्रिय मरीजों की कम संख्या को देखते हुए अब तैयारी की रफ्तार भी सुस्त पडऩे लगी है। 

कहीं आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्लेटफार्म बनकर तैयार हैं तो कहीं आक्सीजन की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अधिकतर जगहों पर काम अधूरा ही है, जिसके हाल-फिलहाल मुकम्मल होने की भी संभावना नजर नहीं आ रही है।

सीएचसी बिरांव कोट: अभी तक केवल आक्सीजन प्लांट का फाउंडेशन बना है। आक्सीजन प्लांट नहीं आया है और न ही पाइपलाइन ही बिछी है। ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने को विद्युत विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। पीडियाटिक के तीन बेड तैयार किए गए हैं।

सीएचसी गंगापुर व गजोखर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगापुर व गजोखर में अभी मात्र फाउंडेशन व पिलर लग पाए हैं। दोनों जगह आक्सीजन प्लांट नहीं पहुंच पाया। गंगापुर में 30 बेड हैं, जिनमें 10 बेड बच्चों के लिए रिजर्व हैं। सीएचसी गंगापुर को पिंडरा विधायक अवधेश सिंह ने गोद लिया है। वहीं गजोखर में बच्चों के लिए केवल पांच बेड ही आरक्षित हैं।

सीएचसी मिसिरपुर: आक्सीजन प्लांट के लिए फाउंडेशन तैयार हो गया है। आक्सीजन प्लांट आ चुका है, केवल पाइप लाइन का काम शेष है। विद्युत क्षमता बढ़ाने के लिए सीएचसी अधीक्षक की ओर से 8.73 लाख रुपये खर्च का प्रस्ताव सीएमओ कार्यालय भेजा गया है। अस्पताल को विधायक रोहनिया सुरेंद्र नारायण सिंह ने गोद लिया है। अस्पताल 30 बेड का है सभी बेडों को आवश्यकतानुसार बाल रोगियों को भर्ती करने के लिए तैयार किया गया है।

सीएचसी चोलापुर: फाउंडेशन तैयार है और आक्सीजन प्लांट भी आ चुका है। अभी पाइपलाइन का कार्य बाकी है। तीसरी लहर को देखते हुए बाल रोग के लिए 10 बेड तैयार हैं। इसे अभी तक किसी जनप्रतिनिधि ने गोद नहीं लिया है।

सीएचसी हाथी बाजार: आक्सीजन प्लांट आने के साथ ही उसका फाउंडेशन तैयार है। इसका शिलान्यास सीएम ने किया था। हालांकि अभी पाइप लाइन का काम बाकी है। बाल रोग के लिए अभी बेड तैयार नहीं हैं।