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यूपी: स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ले रहीं मीटर रीडिंग, करा रहीं बिजली बिल का भुगतान।
उत्तर प्रदेश। यूपी में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया मिशन शक्ति अभियान अब गांव-गांव और घर-घर पहुंच गया है। इस अभियान के तहत प्रदेश में पहली बार स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बिजली सखी के रूप में मीटर रीडिंग ले रही हैं और बकाया बिजली बिल जमा करा रही हैं। इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को करीब कमिशन के रूप में 58 लाख रुपए आय हुई है।
मुख्यमंत्री योगी की पहल पर प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को नवाचारों से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उपभोक्ताओं के बिजली बिलों के भुगतान की व्यवस्था लागू की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है और लोगों को बिजली बिल जमा करने में भी सुविधा मिल रही है।
बता दें कि समूह की महिलाओं की ओर से जमा किए गए बिजली बिलों में अधिकांश बिल ऐसे भी हैं। जो दो या तीन साल से जमा ही नहीं किए गए थे या जबसे उनका कनेक्शन था। उन्होंने कभी बिल जमा ही नहीं किया था। लेकिन समूह की महिलाओं के प्रयास से ऐसे लोगों ने भी बिजली बिल का भुगतान किया है। बिजली विभाग में समूहों की 86 सौ महिलाओं का पंजीकरण हुआ है। इसमें 2859 महिलाओं ने 2,04,028 बिजली बिलों के सापेक्ष 25.68 करोड़ की वसूली की है।
हर बिल पर समूह सदस्य को 20 रुपए और दो हजार से अधिक का बिल होने पर एक फीसदी कमीशन के रूप में दिया जाता है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के एमडी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि आजीविका मिशन के तहत हर हजार ग्रामीण उपभोक्ताओं पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जाना है। जिसके लिए मिशन स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बिजली विभाग की ओर से समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
अभी तक 3,39,275 स्वयं सहायता समूहों की 2859 महिलाएं एक्टिव मोड में कार्य कर रही हैं। शेष महिलाएं जल्द ही उपकरण और प्रशिक्षण के बाद बिजली बिल जमा करने का कार्य शुरू कर देंगी। बिजली विभाग ने प्रदेश को चार क्षेत्रों में बांट रखा है। इसमें सबसे ज्यादा स्वयं सहायता समूह की 898 महिलाएं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में बिजली सखी के रूप में कार्य कर रही हैं।
इसके बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में 812, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में 692 और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में 457 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं।