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वाराणसी : सड़क पर भीख मांगने उतरे कोचिंग शिक्षक, कहा - 'कोरोना महामारी से हो गए बर्बाद'
वाराणसी । कोरोना महामारी में कोचिंग संस्थाएं पूरी तरह से अभाव से संक्रमित है। कोचिंग संस्थानों में करीब एक साल से ताला बंद है। इसके चलते तमाम कोचिंग संस्थानों की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमारा गई है। वहीं कोचिंग संस्थानों से जुड़े अध्यापक भुखमरी के शिकार पर पहुंच गए हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि वाराणसी में सोमवार को सड़कों पर उतर कर भिक्षाटन किया। सिगरा स्थित शहीद उद्यान में भिक्षाटन कर कोचिंग पूर्वांचल कोचिंग संघ के प्रतिनिधियों ने अपना विरोध जताया और कोचिंग खोलने की मांग की।
इस दौरान संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ साल से जूझ रहे कोचिंग संस्थानों की आर्थिक हालात खराब होती जा रही है। वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर अब सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, स्टेडियम व जिम सब कुछ खुल चुका है, जबकि कोचिंग संस्थान अब भी खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसकी वजह जहां विद्यार्थियों का पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर कोचिंग संस्थान भी प्रभावित हैं। जनपद में तमाम कोचिंग बैंकों से ऋण लेकर संस्थान खोले हैं।
कहा कि कोचिंग संस्थानों से कई शिक्षित बेरोजगारों की रोजी-रोटी चल रही है। कई कोचिंग सेंटर किराये पर संचालित किए जा रहे हैं। कोरोना काल में बंदी से कोचिंग सेंटरों के संचालकों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। किराया, बैंक ऋण की किस्त, स्टाफ का वेतन और अन्य खर्चों के भुगतान को लेकर कोचिंग संचालन परेशान है। कोविड काल में जनपद के कई कोचिंग संस्थानों की डोर टूट चुकी है। यदि अब भी कोचिंग खोलने की अनुमति नहीं मिली तो कोचिंग संस्थानाें का अस्तिव पूरी तरह से समाप्त होना तय है।
इस बाबत कोचिंग संघ के प्रतिनिधियों ने अब कोरोना संक्रमण के केसों में कमी आई है तो उन्हें भी सेंटर खोलने की मंजूरी मिलनी चाहिए। कोचिंग सेंटर खुलते हैं तो वे बच्चों की सुरक्षा से जुड़े सभी मापदंडों का ख्याल रखेंगे। कोचिंग देने वाले और कोचिंग हासिल करने वाले विद्यार्थी, दोनों संक्रमण से बचे रहें, इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी। भिक्षाटन करने वालों में मुख्य रूप से मुख्य रूप से संघ के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, प्रशांत पांडेय, सुजीत कुमार सिंह सहित अन्य लोग शामिल रहे।