वाराणसी: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अभी लोग संभले ही थे की बरसात की शुरुआत होते ही डेंगू ने भी दस्तक दे दी है, वाराणसी में सबसे बुरी हालत अभी बरेका की है, वहां तो हालत ऐसे हैं जैसे की मानों बरेका में डेंगू का कहर टूट पड़ा है. वाराणसी के केंद्रीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में अभी 110 मरीज भर्ती हैं. सीएमओ के मुताबिक यहां रोज 26-27 मरीज डेंगू के निकल रहे, पुरा जिला प्रशासन हालात नियंत्रण में करने की जद्दोजहद कर रहा है. बिगड़ते हालात को देखते हुऐ सिविल विभाग की ओर से सफाई व छिड़काव कराया जाने लगा है.
वाराणसी सीएमओ ने बताया है, रैपिड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है. जिसको देखते हुए जिले में स्वस्थ विभाग को सभी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. रैपिड टेस्ट में डेंगू मिलने पर इसकी जानकारी छिपाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब सख्त हो गया है. ताकीद की है कि डेंगू की सूचना न देने वाले निजी लैब अथवा हास्पिटल संचालकों के लाइसेंस भी रद किए जा सकते हैं.
जिला मलेरिया अधिकारी डा. शरद चंद पांडेय के मुताबिक मई से ही बारिश हो रही है. ऐसे में डेंगू के केस मिलना स्वभाविक है. निजी लैब व निजी हास्पिटल संचालकों को निर्देश दिया गया है कि रैपिड टेस्ट में डेंगू मिलने पर पुष्टि के लिए सैंपल माइक्रोबायोलाजी लैब-बीएचयू या डीडीयू की लैब में अनिवार्य रूप से भेजें.
साथ ही स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दें, ताकि संबंधित क्षेत्र में सोर्स रिडक्शन व एंटी लारवल का काम कराया जा सके और बीमारी की ससमय नियंत्रित किया जा सके. शहरी क्षेत्र में 18 लोगों की टीम मलेरिया विभाग के पास है. डा. वीबी सिंह, सीएमओ ने बताया की निजी लैबों व हास्पिटल को मरीज मिलते ही सूचित करने का निर्देश दिया गया है. इसमें कोताही करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे