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वाराणसी: बीएचयू में प्रधानमंत्री के दौरे के समय हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग पर सिंह द्वार किया बंद।
वाराणसी। बीएचयू में प्रधानमंत्री के दौरे के समय दर्जन भर छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। इससे क्षुब्ध होकर गुरुवार देर रात छात्रों ने पहले बीएचयू के प्राक्टोरियल बोर्ड से पूछताछ की इसके बाद जब सुरक्षाधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर प्रदर्शन पर बैठ गए। छात्रों ने मांग किया कि उनके साथियों को तत्काल विवि को वापस कर देना चाहिए।
इसके साथ ही छात्रों ने प्राक्टोरियल बोर्ड पर भी छात्रों की जानकारी मुहैया न करा पाने का आरोप लगाया। छात्रों की ओर से मिली सूचना के अनुसार लंका थाना में ही छात्रों को ले जाया गया था। छात्रों ने बताया कि गिरफ्तार हुए छात्र सामाजिक विज्ञान संकाय के हैं, जो कि लाइब्रेरी में पढ़ाई करने जा रहे थे। वहीं कुछ छात्रों ने बताया कि छित्तूपुर गेट से उन्हें प्रवेया नहीं दिया गया था तो इसी पर पुलिस से बहस छिड़ गई।
छात्रों को ही विश्वविद्यालय में जाने से रोका जाना अव्यवहारिक है। इस दौरान लंका थानाध्यक्ष को कई बार फोन किया गया मगर फोन रिसीव नहीं हुआ। बीएचयू में प्रधानमंत्री की जनसभा से पहले सात छात्रों को अचानक हिरासत में ले लिया गया। आरोप है कि इनमें से दो छात्रों के बैग में काला गमछा पाया गया। वहीं रात तक रिहाई न होने पर गिरफ़्तार हुए छात्रों के समर्थन में बीएचयू के कुछ छात्र उतर आए।
देर रात सिंह द्वार बंद कर वे पुलिस के इस कदम का विरोध करने लगे। छात्रों ने पहले बीएचयू के प्राक्टोरियल बोर्ड से पूछताछ की इसके बाद जब सुरक्षाधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर प्रदर्शन पर बैठ गए। छात्रों ने मांग किया कि उनके साथियों को तत्काल रिहा कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि इनमें से दो छात्र बीएचयू से ही एक हास्टल के हैं।
विरोध करने वाले छात्रों ने बताया कि वे सभी छात्र परीक्षा के लिए लाइब्रेरी में पढ़ाई करने जा रहे थे, तभी पुलिस से बहस हुई और उन्हें लंका थाना ले जाया गया। वहीं छित्तपुर गेट खोलवाने के लिए सुरक्षाकर्मियों के साथ काफ़ी तीखी बहस हुई। इस दौरान छात्र जब शांत नहीं हुए तो उन्हें हिरासत में लेकर लंका थाने में बंद कर दिया गया।