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यूपी: तीन जिलों में 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को दिया जाएगा फर्नीचर।
लखनऊ। आंगनबाड़ी के लिए खरीदे जाने वाले फर्नीचर को बच्चे इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं, यह परीक्षण मोहल्ला पाठशाला में होगा। पहली बार मोहल्ला कक्षाओं में कोई प्रयोग किया जाएगा। हरदोई, बरेली व बाराबंकी में यह पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। सरकार की 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को शिशु डेस्क देने की योजना है। इस समय कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद चल रहे हैं।
इसलिए पायलट प्रोजेक्ट के लिए मोहल्ला कक्षाओं को चुना गया है। जिलों को तय मानकों वाली शिशु डेस्क खरीद कर मोहल्ला कक्षाओं में पहुंचानी होंगी। यहां शिक्षक देखेंगे कि शिशु डेस्क की ऊंचाई तीन से छह वर्ष के बच्चों के उपयुक्त है या नहीं।
बता दें कि बच्चे इस पर लिखने या पढ़ने का काम सुगमतापूर्वक कर पा रहे हैं, इस पर दो बच्चे एक साथ काम कर सकते हैं या बच्चों के हाथ टकराते हैं। वहीं ये भी देखना होगा कि क्या डेस्क की गुणवत्ता ऐसी है कि यह तीन वर्ष तक चल सके। इस पर जिलों को पूरी रिपोर्ट 10 अगस्त तक शासन को भेजनी है। वहीं शिक्षकों के सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा।
हालांकि प्रदेश में 1.80 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं लेकिन सरकार इसमें चरणबद्ध ढंग से फर्नीचर पहुंचाना चाह रही है। लगभग 70 हजार केन्द्र प्राइमरी स्कूलों के कैम्पस में स्थित हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र से इसके लिए बजट मांगा है जिसकी सैद्धांतिक सहमति केन्द्र ने दे दी है।