वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी. जिला जज आशुतोष तिवारी के सर्वेक्षण के फैसले के खिलाफ यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने निगरानी याचिका दाखिल की थी. जिस पर नौ जुलाई को वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने आपत्ति जताई थी. जिस पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद द्वारा प्रतिउत्तर शपथ पत्र दाखिल करने के लिए 5 अगस्त की तारीख निर्धारित थी.
वहीं गुरुवार को इस पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तौहीद खान, अभय नाथ यादव, अंजूमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ता रईस अहमद अंसारी और मुमताज अहमद को अपना पक्ष रखना था. जिस पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद द्वारा प्रति उत्तर शपथ पत्र दाखिल किया गया. जिस पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने अगली तिथि 12 अगस्त को निर्धारित की है.वहीं आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में सिविल कोर्ट ने 8 अप्रैल 2021 को फैसला सुनाते हुए पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया था. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को सौंपी थी. कोर्ट ने इस मामले में 5 लोगों की टीम बनाकर पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश जारी किया था. इसमें मुस्लिम पक्ष से भी 2 लोगों को शामिल करने का आदेश दिया था. सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के सिविल जज ने ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए सर्वे का फैसला सुनाया था. कोर्ट ने विवादित स्थान का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने, खुदाई कराने और उसकी आख्या न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए आदेश जारी किया था.
वहीं इस संबंध में बात करते हुए यूपी सुन्नी सेंट्रक वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि हम लोगों ने प्रति उत्तर शपथ पत्र दाखिल किया है. जिस पर प्राचीन मूर्ति स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वनाथ के अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी द्वारा कहा गया कि प्रति उत्तर शपथपत्र में बहुत सी नई बातों का ज़िक्र किया गया है. जिसका जवाब दाखिल करने के लिए उन्होंने कोर्ट से समय मांगा और कोर्ट ने अगली तिथि 12 अगस्त की तय की है. वहीं प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वनाथ के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल प्रति उत्तर शपथपत्र में बहुत सी बातें अवमानना पूर्ण और अपमानजनक लिखी गई है. जिसका जवाब दाखिल करने के लिए मैंने कोर्ट से समय मांगा है. जिस पर कोर्ट ने अगली तिथि 12 अगस्त की तय की है.