international
अफगानिस्तान : पंजशीर पर कब्जे की जंग में तालिबान को बड़ा झटका, जंग में 300 तालिबानी लड़ाकों की मौत
काबुल (Kabul) पर कब्जे के बाद अब तालिबान के लड़ाके पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) की ओर बढ़ रहे हैं. तालिबान के लिए अफगानिस्तान (Afghanistan) का अजेय दुर्ग माने जाने वाला पंजशीर प्रांत पर कब्जा करने के लिए सैकड़ों लड़ाके पंजशीर घाटी की ओर जा रहे हैं. हालांकि खबर है कि पंजशीर ने तालिबान के 300 लोगों को मार गिराया है. मिली जानकारी के अनुसार तालिबान ने कारी फसीहुद दीन हाफिजुल्लाह के नेतृत्व में पंजशीर पर हमला करने के लिए कई लड़ाकों को भेजे थे, लेकिन बगलान प्रांत की अंदराब घाटी में घात लगाकर बैठे पंजशीर के विद्रोहियों ने उन पर हमला कर दिया. इस हमले में 300 तालिबानी के मौत की खबर आ रही है.
वहीं पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के 32 साल के बेटे अहमद शाह ने तालिबान के इस कदम पर कहा था कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं सौंपेंगे. मालूम हो कि तालिबान लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है, केवल पंजशीर घाटी ही ऐसा क्षेत्र जहां वो अपना कब्जा जमाने में असमर्थ रहा है. फिलहाल अफगानिस्तान के कुल 34 प्रांत में से 33 पर तालिबान का राज है.
अहमद शाह मसूद ने रविवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि वे तालिबान से युद्ध नहीं करेंगे लेकिन किसी अगर उस तरफ से कुछ हलचल होती है तो तालिबान के आक्रमण का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम बातचीकत कर इस मसले का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वार्ता असफल होती है तो युद्ध को नहीं टाला जा सकता है.
दरअसल अफगानिस्तान का पंजशीर इलाके पर कब्जा करना तालिबान के लिए किसी सपने के पूरे होने से कम नहीं है. पूरे अफगानिस्तान में पंजशीर ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां ना तो 20 साल पहले तालिबानियों का राज हो पाया था ना अब. हालांकि विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर इस्लामी कट्टरपंथियों ने बड़े पैमाने पर हमला किया तो पंजशीर घाटी में जमा हुए प्रतिरोध सेनानियों को संघर्ष करना पर सकता है.”
उत्तरी प्रांत बागलान में तीन जिलों को वापस ले लिया
वहीं तालिबान विरोधी फोर्स ने पिछले हफ्ते पंजशीर की सीमा से लगे उत्तरी प्रांत बागलान में तीन जिलों को वापस ले लिया. हालांकि, मसूद ने कहा कि उसने ऑपरेशन का आयोजन नहीं किया था और यह स्थानीय मिलिशिया समूहों द्वारा क्षेत्र में “क्रूरता” पर प्रतिक्रिया करते हुए किया गया था.