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यूपी: वाराणसी में रेमडेसिविर ओवर स्टाक, एक्सपायरी तिथि नजदीक आते देख लौटाए जाएंगे 3000 इंजेक्शन।

यूपी: वाराणसी में रेमडेसिविर ओवर स्टाक, एक्सपायरी तिथि नजदीक आते देख लौटाए जाएंगे 3000 इंजेक्शन।


वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोग भटकते फिर रहे थे, वह ओवर स्टाक हो गया है। सीएमओ के ड्रग स्टोर में छह हजार इंजेक्शन पड़े हैैं। इनमें करीब तीन हजार की उपयोग तिथि अगले माह खत्म होने को है। लिहाजा, इन्हें लौटाने के लिए सीएमओ की ओर से शासन को पत्र लिखा गया है। हालांकि, शेष तीन हजार इंजेक्शन वायल की उपयोग तिथि 2022 तक है, ऐसे में माना जा रहा है कोरोना की तीसरा लहर आने पर जरूरत पड़ी तो इसकी कमी नहीं होने पाएगी।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में लेवल टू व थ्री अस्पताल में इलाज की जरूरत वाले मरीजों की संख्या अधिक थी। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग भी बढ़ गई थी। स्थिति यहां तक पहुंची की दुकानों में नो रेमडेसिविर के बोर्ड टंग गए। हालांकि मनमानी कीमत पर पिछले दरवाजे से इसकी उपलब्धता बनी रही जो किसी सामान्य जेब वाले मरीज के बूते की बात न थी। ऐसे में प्रशासन ने खुद मोर्चा संभाला और दुकानों से सीधी बिक्री पर रोक लगाते हुए अस्पतालों में आपूर्ति की जिम्मेदारी रेडक्रास सोसायटी को दे दी। इसे सीधे फार्मा कंपनियों से मंगा कर बीएचयू समेत लेवल थ्री के अस्पतालों को तय रेट पर देने की व्यवस्था की गई।

मनमाने तरीके से रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखने वाले निजी कोविड अस्पतालों पर भी लगाम के भी जतन किए गए। इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस खास इंजेक्शन के विकल्प के तौर पर बेहद सस्ते टैबलेट सुझाए तो बिना जरूरत रेमडेसिविर लगाने के साइड इफेक्ट भी बताए। नतीजा यह रहा कि इसकी मांग तो कम होती ही गई दूसरी लहर की धार भी कुंद पड़ती गई। इस बीच शासन से छह हजार वायल आए तो स्टोर में रखे रह गए। इस संबंध में सीएमओ डा. वीबी सिंह का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपयोग तिथि सीमित होती है। ऐसे में कुछ इंजेक्शन वापसी के लिए पत्र लिखा गया है।