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यूपी: फतेहपुर में 7 किमी. पैदल चलकर बीमार मां को एंबुलेस तक लेकर पहुंचे बेटे, ड्राइवर ने गांव में जाने से कर दिया इनकार।

यूपी: फतेहपुर में 7 किमी. पैदल चलकर बीमार मां को एंबुलेस तक लेकर पहुंचे बेटे, ड्राइवर ने गांव में जाने से कर दिया इनकार।


फतेहपुर। दोआबा गांव का स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलता एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दो बेटे चारपाई कंधे पर उठाकर बीमार मां को एंबुलेंस तक लेकर पहुंचे। दरअसल रास्ता दलदल होने की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिसके बाद बेटों तो सात किमी पैदल चलकर कंधे पर चारपाई उठाकर बीमार मां को एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ा। तब जाकर उनकी मां इलाज के लिए अस्पताल पहुंच सकी।

बब्बू का डेरा मजरे सरकंडी के रहने वाली शिवकली देवी जंगल को जाते समय रविवार को कीचड़ में फिसलकर गिर गई थीं। जिसकी वजह से उनके शरीर में कई जगह पर चोट लग गई थी। परिवार ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल कर बुलाया. लेकिन रास्ता कच्चा और दलदल होने की वजह से एंबुलेंस ड्राइवर ने गांव में जाने से इनकार  दिया। इस दौरान एंबुलेंस गांव से 7 किमी दूर मनावा गांव के पास ही रुक गई। जिसके बाद उनके बेटों को मां को चारपाई पर लिटाकर 7 किमी पैदल चलकर एंबुलेंस तक जाना पड़ा।

बीमार शिवकली देवी के बेटे राममिलन का कहना है कि गांव में पक्का रास्ता न होने की वजह से एंबुलेंस और दूसरे वाहन वहां नहीं पहुंच पाते हैं। इसी वजह से उन्हें बीमार माां के इलाज के लिए 7 किमी का सफर तय करना पड़ा। जिसके बाद एंबुलेंस ने उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। महिला की कमर में फैक्चर हुआ है। जिसका इलाज किया जा रहा है।

बता दें कि कमर में फैक्चर की वजह से महिला खड़ी तक नहीं हो पा रही थी। वहीं एंबुलेंस ड्राइवर ने गांव में आने से मना कर दिया था। लाचार और बेबस बेटों के पास मां को कंधे पर उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। उन्होंने एक चारपाई पर बीमार मां को लिटाया और उसे कंधों पर उठाकर सात किमी पैदल चलकर गांव के बाहर खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचे। तब जाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।