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सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों को आज CJI दिलाएंगे पद की शपथ, कोविड प्रोटोकॉल का रखा जाएगा खास ख्याल
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों को मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमणा सुबह साढ़े 10 बजे पद की शपथ दिलाएंगे. CJI के कोर्ट रूम में समारोह आयोजित करने की सामान्य प्रथा से हटकर कल का कार्यक्रम प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के पास अतिरिक्त भवन परिसर में सुप्रीम कोर्ट के नए सभागार में आयोजित किया जाएगा. ऐसा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, अदालत के 70 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब नौ नए न्यायाधीश एक ही बार में शपथ लेंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 17 अगस्त को शीर्षस्थ अदालत के न्यायाधीशों के रूप में उनके नामों की सिफारिश की गई थी और बाद में 26 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर किए थे. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 34 हो सकती है और इस समय शीर्ष अदालत में 10 पद रिक्त हैं.
नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण करने के बाद शीर्ष अदालत में केवल एक रिक्त पद रह जाएगा. कर्नाटक हाईकोर्ट की तीसरी सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश नागरत्ना के अलावा गुजरात हाईकोर्ट की पांचवीं सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हेमा कोहली को भी सु्प्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया है. न्यायमूर्ति कोहली 62 वर्ष की आयु होने पर एक सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाली थीं क्योंकि हाईकोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष है. तीन महिला न्यायाधीशों के अलावा केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सीटी रवि कुमार और मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश को भी शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा ऐसे छठे वकील हैं, जिन्हें बार से सीधे न्यायालय में नियुक्ति मिली है. न्यायमूर्ति कोहली के अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों के जिन मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया है, उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी शामिल हैं.
न्यायमूर्ति नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को हुआ था और वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं. उन्होंने 28 अक्टूबर, 1987 को बेंगलुरु में वकील के रूप में पंजीकरण कराया था और संविधान, वाणिज्य, बीमा एवं सेवा के क्षेत्रों में वकालत की. उन्हें 18 फरवरी, 2008 को कर्नाटक हाईकोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक होगा और 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने के बाद वह सीजेआई के रूप में संभवत: एक महीने से अधिक समय तक कार्यभार संभालेंगी.