
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने बुधवार को दो अहम निर्णय लिए। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, पाम ऑयल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी। इसके साथ ये भी निर्णय किया गया है कि अगर बाज़ार में उतार चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो केंद्र सरकार DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, खेती के सामग्री में पहले जो राशि दी जाती थी, उसमें भी बढ़ोतरी की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में लोग इंडस्ट्री लगा सकें, इसके लिए इंडस्ट्री को भी 5 करोड़ रु. की सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
कृषि मंत्री ने ट्वीट किया, पाम ऑयल के लिए ताजे फलों के गुच्छों (एफएफबी) का मूल्य अब भारत सरकार तय करेगी। अभी तक एफएफबी की कीमतों में सीपीओ के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के कारण उतार-चढ़ाव आता रहता था। व्यवहार्यता मूल्य (वीपी) से किसानों को मिलने वाला बाजार भाव यदि कम होगा, तो अंतर की राशि की भरपाई केंद्र सरकार करेगी।
पहले पाम तेल की रोपण सामग्री के लिए अनुदान 12000 रु. प्रति हेक्टेयर दिया जाता था अब इसे बढ़ाकर 29000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। आज पाम तेल की खेती लगभग साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में हो रही है ये आने वाले दिनों में 10 लाख हेक्टेयर तक हो जाएगी।