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छत्तीसगढ़: गाय के गोबर से बने प्रोडक्ट्स को मिला नया बाजार, महिलाएं ऑनलाइन बेच रहीं उपले।

छत्तीसगढ़: गाय के गोबर से बने प्रोडक्ट्स को मिला नया बाजार, महिलाएं ऑनलाइन बेच रहीं उपले।


छत्तीसगढ़। राजनांदगांव जिले में गाय के गोबर से उत्पाद बनाने में लगी हजारों ग्रामीण और गरीब महिलाओं के लिए प्रशासन एक बाजार उपलब्ध कराने जा रहा है। बढ़ती मांग के बाद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके उत्पाद अन्य राज्यों सहित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक व्यापक बाजार तक पहुंचेंगें।बता दें कि 354 स्वयं सहायता समूहों एसएचजी की 4,000 से अधिक महिलाओं द्वारा बनाए गए खाद, गोबर के उपले ईंधन के रूप में प्रयुक्त दीये दीपक और फूलदान जैसे गोबर उत्पाद अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। अधिकारियों ने यह दावा किया है।

राजनांदगांव के कलेक्टर तरण प्रकाश सिन्हा ने कहा कि राजनांदगांव गाय के गोबर से बने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है। अब तक जिले की महिलाओं की मदद के लिए 5 करोड़ रुपये मूल्य की गाय के गोबर से बनी खाद और अन्य उत्पाद बेचे जा चुके हैं। कुछ दिनों पहले शुरू हुई ऑनलाइन बिक्री में अब तक एक लाख रुपए के उत्पाद बेचे जा चुके हैं। इसका उद्देश्य उत्पादन में वृद्धि के लिए बाजार का विस्तार करके निर्माताओं के मुनाफे को और बढ़ाना है। पिछले कुछ दिनों में ऑनलाइन बिक्री में वृद्धि हुई है।

फिर कलेक्टर ने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार की एक योजना के तहत प्रशासन द्वारा खरीदे गए 66,400 क्विंटल गोबर का उपयोग करके लगभग 365 गौठान या गौशाला इस काम में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ ने इससे पहले 'गोधन न्याय योजना' नाम से एक योजना शुरू की थी, जिसमें डेयरी किसानों से 2 रुपये प्रति किलो गाय का गोबर खरीदने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता की पेशकश की गई थी।

बता दें कि अब तक, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई गई 1.5 करोड़ रुपये की 53,000 क्विंटल वर्मीकम्पोस्ट बेची जा चुकी है। पहले खाद केवल गौशालाओं में बेची जाती थी, लेकिन अब यह अन्य राज्यों से भी खाद की बढ़ती मांग के कारण अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बिक रही है। अब तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से लाखों रुपये के ऑर्डर मिल चुके हैं।

वहीं जय मां वैष्णवी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी एक महिला मेहतारीन यादव ने पिछले 6 महीनों में गाय के गोबर से बने उत्पादों को बेचकर 8,000 रुपये कमाने का दावा किया है। उसने कहा कि मुझे बताया गया है कि प्रशासन अब हमारे गोबर उत्पादों को ऑनलाइन बेच रहा है। हमें उम्मीद है कि हम अब और कमा सकते हैं।