वाराणसी। देश की राजधानी दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की सौगात जल्द से जल्द मिल सके, इसके लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बता दें कि अगले महीने यानी सितंबर में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) की ओर से सरकार को इस प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी जा सकती है।
इस रिपोर्ट के पेश होने के बाद रेल मंत्रालय की टीम इसका अध्ययन करेगी। सब ठीक रहा तो इस प्रोजेक्ट को लिखित मंजूरी मिल जाएगी। और फिर जमीन पर यूपी के लोग बुलेट ट्रेन का सपना सच होते देखेंगे। बता दें कि दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी गई थी। एनएचएसआरसीएल ने इस रूट पर न केवल सर्वे शुरू किया बल्कि अलग-अलग रूट पर मिट्टी, इलाकाई बनावट समेत नदी, नाले और दूसरी जानकारियां भी जुटाईं गई। यही नहीं, कितनी जमीन चाहिए और कैसे-कैसे पूरा रूट आगे बढ़ेगा, इसकी भी पूरी डिटेल रिपोर्ट बनाई गई है।
वहीं दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली बुलेट ट्रेन का रूट हाइवे के किनारे से होकर गुजरेगा। यूपी के सभी प्रमुख धार्मिक शहरों से होकर गुजरेगी। ये बुलेट ट्रेन दिल्ली के सराये काले खां से शुरू होगी और यूपी में नोयडा सेक्टर 144 से एंट्री करेगी। दूसरा पड़ाव योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके बाद बुलेट ट्रेन कान्हा नगरी मथुरा, ताजनगरी आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रामनगरी अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही से गुजरती हुई वाराणसी आएगी. आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन ऊपर लिखे शहरों से होकर गुजरेगी लेकिन स्टेशन कौन से होंगे। ये अभी तय नहीं है।
खास बात ये है कि वाराणसी में ये ट्रेन बनारस स्टेशन तक आएगी। बनारस नाम से वाराणसी में नया स्टेशन बना है। ये स्टेशन इससे पहले मंडुवाडीह नाम से था। इस स्टेशन को पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट लुक में नए तरीके से डेवलेप किया है। बुलेट ट्रेन करीब दस मीटर ऊंचाई वाले एलिवेटेड लाइन पर चलेगी। इसकी ऊंचाई करीब 10 मीटर होगी। बताया जा रहा है कि करीब 865 किमी के इस कॉरिडोर पर हवा की रफ्तार से दौड़ती ये बुलेट ट्रेन दिल्ली से बनारस के सफर को चार घंटे में पूरा करेगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की प्रवक्ता सुषमा गौड़ ने बताया कि डीपीआर बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है।