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EOS-03 सैटेलाइट के सफलतापूर्वक लॉन्च होने के बाद मिशन हुआ फेल, क्रायोजेनिक इंजन में आई खराबी l
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले सैटेलाइट ‘EOS-03’ का गुरुवार सुबह सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया. हालांकि इसके बावजूद ये मिशन फेल हो गया है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) को सुबह 5:43 बजे प्रक्षेपित किया गया. इसके बाद इसके बाद सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए. लेकिन क्रोयोजेनिक इंजन के आंकड़े मिलने बंद हो गए. जिसके बाद इस मिशन के आंशिक रूप से फेल होने की घोषणा की गई.
GSLV (भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान)-F10 के जरिए EOS-3 की लॉन्चिंग के बाद पूरी यात्रा 18.39 मिनट की थी. सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए. लेकिन EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आई, जिस वजह से इसरो को आंकड़े मिलने बंद हो गए. इससे वैज्ञानिक परेशान हो गए. इसकी जांच करने के बाद पूरे मामले की जानकारी इसरो चीफ डॉ के सिवन को दी गई जो मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे थे. इसके बाद मिशन के आंशिक रूप से फेल होने की जानकारी दी गई.
इस सैटेलाइट को ‘आई इन द स्काई’ कहा जा रहा है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि EOS की खासियत यह है कि यह चिन्हित किए गए किसी बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय की तस्वीरों को एक निश्चित अंतराल पर भेजता रहेगा. उन्होंने कहा था कि यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करेगा.
इस सैटेलाइट के जरिए कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग में लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने का दावा किया जा रहा था. इसके साथ ही देश की सीमाओं की तस्वीर भी वास्तविक समय पर उपलब्ध करानेगा दावा किया गया था.