UP news
गोरखपुर : बिना खर्च कमाई करेगा नगर निगम, निजी कंपनी से हुआ करार
गोरखपुर । नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के चालान से नगर निगम की कमाई बढ़ेगी। खास बात यह है कि वाहनों को सड़क से उठाकर पुलिस लाइंस तक पहुंचाने में नगर निगम को एक भी रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। इससे नगर निगम की आय तो बढ़ेगी ही शहर में जाम की समस्या पर अंकुश भी लगेगा। नो पार्किंग में खड़े वाहनों को पुलिस लाइंस ले जाकर जुर्माना जमा कराया जाए.
शहर के कई इलाकों में सड़क पर वाहन खड़ा करने से रोजाना जाम की स्थिति बनी रहती है। कई बार तो चार पहिया वाहन सड़क पर ही खड़ा कर लोग चले जाते हैं। इससे घंटों जाम लगा रहता है। गोलघर इलाके में पार्किंग की व्यवस्था के बाद भी लोग सड़क पर वाहन खड़ा करते हैं।
नगर निगम प्रशासन प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर एक कंपनी से करार करने जा रहा है। कंपनी ही क्रेन, चालक, तेल की व्यवस्था करेगी। नगर निगम नो पार्किंग जोन की जानकारी कंपनी को देगा। इसके आधार पर कंपनी के चालक व कर्मचारी यातायात पुलिस के सहयोग से शहर के अलग-अलग स्थानों से नो पार्किंग में खड़े वाहनों को उठाकर पुलिस लाइंस पहुंचाएंगे। पुलिस लाइंस में यातायात पुलिस के अफसर वाहन चालक से जुर्माना जमा कराएंगे।
शहर में नगर निगम के तीन क्रेन संचालित होते हैं। यातायात पुलिस के सहयोग से इन क्रेन से पूरे दिन विभिन्न हिस्सों से वाहन उठाकर पुलिस लाइंस पहुंचाए जाते हैं। वर्तमान में तीनों वाहनों का पूरा खर्च नगर निगम प्रशासन उठाता है। प्रति माह तीन वाहनों पर डीजल का खर्च डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा होता है। इसके अलावा चालक व मेंटिनेंस के नाम पर भी नगर निगम प्रशासन खर्च करता है। एक अनुमान के अनुसार साल में नगर निगम तीन क्रेन पर 24 लाख रुपये खर्च करता है लेकिन नगर निगम प्रशासन को पूरे साल में तकरीबन डेढ़ लाख रुपये की कमाई होती है। पीपीपी माडल पर क्रेन सर्विस शुरू होने पर नगर निगम प्रशासन को एक रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। कंपनी नगर निगम के तीन क्रेन को भी खुद ही संचालित करेगी।
पीपीपी माडल पर शहर में क्रेन की मदद से नो पार्किंग में खड़े वाहनों को उठाया जाएगा। क्रेन संचालन की पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। जुर्माना की रकम का एक हिस्सा नगर निगम को मिलेगा। इससे नगर निगम बिना एक रुपये खर्च कर कमाई करेगा। साथ ही शहर में जाम की समस्या पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।