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झारखंड: बच्चों के माता-पिता ध्यान दें कि कोरोना काल में स्कूल के बंद रहने पर घर में पढ़ाने के तरीके।
झारखंड। कोरोना वायरस के कारण स्कूलों के बंद रहने की स्थिति में अभी भी कक्षा आठ तक के बच्चों की पढ़ाई आनलाइन हो रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को वाट्सएप व दीक्षा एप के माध्यम से डिजिटल शैक्षणिक सामग्री भेजी जा रही है। बच्चे इसका सही लाभ ले सकें, उनकी पढ़ाई निरंतर जारी रहे तथा घरों में लगातार रहने के कारण उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर न पड़े, इसमें उनके माता-पिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
वहीं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसके लिए मार्गदर्शिका जारी की है। माता-पिता इस मार्गदर्शिका के अनुसार, बच्चों को घर आधारित शिक्षण में बच्चों की मदद करेंगे। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को विभाग द्वारा जारी उक्त मार्गदर्शिका की जानकारी विद्यालय प्रबंधन समितियों के माध्यम से अभिभावकों को देने के लिए कहा है। इसके लिए 31 अगस्त तक की समय सीमा तय की गई है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा तथा राज्य परियोजना निदेशक के हस्ताक्षर से जारी मार्गदर्शिका में बच्चों के माता-पिता को सुझाव दिया गया है कि वे बच्चों की पढ़ाई के घंटे निर्धारित करें, तो उसकी तमाम गतिविधियों पर नजर रखें। इसमें माता-पिता को बच्चों से नियमित रूप से संवाद करने, उनकी समस्याओं को जानने तथा उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करने का भी सुझाव दिया गया है। बच्चों की आनलाइन पढ़ाई में किसी तरह की समस्या आने पर अविलंब शिक्षकों से बात करने के लिए कहा गया है।
यह भी अनुरोध किया है कि आस-पास का कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है, तो उसकी भी जानकारी विद्यालय प्रबंधन समिति या स्कूल को अनिवार्य रूप से दें, ताकि उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने मार्गदर्शिका के माध्यम से बच्चों के एकेडमिक प्रगति की भी निगरानी रखने का सुझाव अभिभावकों को दिया है। साथ ही अभिभावक एक शिक्षक के रूप में, प्रबंधक के रूप में, सुविधा प्रदाता के रूप में तथा प्रेरक के रूप में किस तरह बच्चों के साथ व्यवहार करेंगे, यह भी बताया गया है।
1. बच्चों के साथ खेलने तथा उनसे बातचीत करने के लिए समय निकालें। शाम में उनके दैनिक क्रियाकलापों की जानकारी लें।
2. बच्चों ने जो सही काम किया है, उसकी प्रशंसा करेंं।
3. यह समझने की कोशिश करें कि क्या कोई बात बच्चे को परेशान कर रही है। उसपर शिक्षकों से बात करें।
4. घर में पढ़ाई का आवश्यक माहौल बनाएं। बच्चों से पूछें कि उन्हें पढ़ाई के लिए डिजिटल सामग्री मिल रही है या नहीं।
5. बच्चों को बताते रहें कि स्कूल शीघ्र खुल सकते हैं। इसके लिए आवश्यक तैयारी भी करें।
6. बच्चों से प्रश्न पूछें, कहानी सुनाएं, उनके साथ स्वस्थ चर्चा करें।
7. बच्चों को खाली समय में घरेलू कार्यों में भी लगाएं, ताकि उनका जीवन कौशल बढ़ सके। इनमें बागवानी, साफ-सफाई आदि कार्य भी शामिल हैं।