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लखनऊ : टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज का मामला राज्यपाल के पास, इंटर्नशिप कर रहे छात्रों ने की शिकायत
लखनऊ ।अमौसी स्थित टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज के तुगलकी फरमान के खिलाफ इंटर्न कर रहे 109 छात्रों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का दरवाजा खटखटाया है। राज्यपाल से की गई शिकायत में छात्रों ने कहा है कि कई महीने से इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपेंड(मानदेय) देने से हमें प्रबंधन ने मना कर दिया है। इसको लेकर छात्रों ने कई बार प्रबंधन व डीन आरके श्रीवस्तव को पत्र दिया। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि शांति पूर्वक प्रदर्शन करने पर कालेज प्रबंधन की ओर से छात्रों को पिटवाया गया। प्रबंधन के ही एक व्यक्ति ने छात्र का हाथ तोड़ दिया, जिसे प्लास्टर चढ़ाना पड़ा।
प्रदर्शन जारी रखने पर निरस्त कर दी इंटर्नशिप: छात्रों का कहना है कि शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन के बावजूद कालेज के डीन आरके श्रीवास्तव ने एक नोटिस जारी करके तत्काल प्रभाव से प्रदर्शनकारी छात्रों की इंटर्नशिप को तीन माह के लिए निरस्त कर करने का तुगलकी फरमान सुनाया है। इससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इस मामले में राज्यपाल के अतिरिक्त छात्रों ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री व निदेशक चिकित्सा शिक्षा को भी पत्र भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज की छात्राओं ने बताया कि वह यहां हॉस्टल में रह रही थी। अचानक उन्हें बीते सोमवार को हॉस्टल खाली करने के निर्देश दे दिया गया। इसके बाद वह डीन से लेकर प्रबंधन के अन्य अधिकारियों से गुहार लगाती रही मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। जब छात्राएं मेस में खाने गई तो उनके हाथ से प्लेट छीन ली गई। कहा गया कि प्रबंधन ने आप लोगों को भोजन देने से मना किया है। पिछले चार-पांच दिनों से इन छात्राओं को भोजन नहीं दिया जा रहा। वह छुप-छुपकर रहने को मजबूर हैं। ज्यादातर छात्राएं बाहर से हैं।
इस बारे में जब टीएस मेडिकल कालेज के डीन आरके श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। कोई प्रदर्शन नहीं चल रहा है। जब मानदेय और छात्राओं को निष्कासित किए जाने व उन्हें भोजन नहीं दिए जाने पर सवाल किया तो उन्होंने बिना कुछ जवाब दिए फोन काट दिया। इसके बाद दो-तीन बार कॉल करने पर भी फोन नहीं उठाया।