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अब यूपी सरकार किसानों से खरीदेगी धान, ऑनलाइन होगा रजिस्ट्रेशन
लखनऊ । प्रदेश सरकार किसानों का धान खरीदने जा रही है। धान खरीद वर्ष 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया गया है। योजना के तहत एक अक्टूबर से पश्चिमी यूपी व एक नवंबर से पूर्वी यूपी में किसानों से सीधे धान की खरीद होना प्रस्तावित है। कामन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपये व ग्रेड ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। कंप्यूटरीकृत प्रणाली के तहत पारदर्शी धान खरीद की व्यवस्था के लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
प्रदेश के अपर आयुक्त (विपणन) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि धान खरीद के लिए किसानों को पंजीकरण के समय अपना आधार में फीड मोबाइल नंबर अंकित कराना होगा, जिससे एसएमएस से प्रेषित ओटीपी को भरकर पंजीकरण प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा। उन्होंने बताया कि किसानों को आधार में फीड मोबाइल नंबर को अपडेट कराने व फीड कराने के लिए अपने नजदीकी आधार इनरोलमेंट या अपडेट सेंटर जाकर मोबाइल नंबर को अपडेट कराना जरूरी होगा। अपर आयुक्त ने बताया कि किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
बचेगा पानी, बढ़ेगा गन्ना उत्पादन: पानी की बचत करके प्रदेश में गन्ना उत्पादन किया जा रहा है। सरकार गन्ना किसानों से कम से कम धन जमाकर गन्ना उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष जोर दे रही है। चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग की ओर से इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ड्रिप इरीगेशन संयंत्र स्थापित कराकर गन्ने की खेती की जा रही है। प्रदेश में अब तक 21,065 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र स्थापित कर गन्ना की खेती की गयी है। इस तरह कम पानी के उपयोग से अधिकतम उत्पादन किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव गन्ना व चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि इस संयंत्र की स्थापना से ङ्क्षसचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग (फर्टिगेशन) से 50 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों और इतने ही सिंचाई जल की बचत भी होती है। ड्रिप इरीगेशन संयंत्र से क्षार युक्त व कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती संभव हो सकी है। भूसरेड्डी ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन पद्धति अपनाने से फसलों में खरपतवारों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है इससे गन्ने की खेती की लागत में कमी आ रही है और किसानों की आमदनी में वृद्धि हो रही है।